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इंदौर में दूषित पानी का कहर, 7 लोगों की मौत के बाद किस पर गिरी गाज?

इंदौर शहर जो लगातार कई सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतता आ रहा है, इन दिनों एक गंभीर संकट से जूझ रहा है. शहर के भागीरथपुरा इलाके में नल से आने वाले दूषित पानी की वजह से अब तक कई लोगों की जान गई है और सैकड़ों बीमार हो गए हैं.

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Edited By: Antima Pal
इंदौर में दूषित पानी का कहर, 7 लोगों की मौत के बाद किस पर गिरी गाज?
Courtesy: grab

इंदौर: मध्य प्रदेश का इंदौर शहर जो लगातार कई सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतता आ रहा है, इन दिनों एक गंभीर संकट से जूझ रहा है. शहर के भागीरथपुरा इलाके में नल से आने वाले दूषित पानी की वजह से अब तक कई लोगों की जान गई है और सैकड़ों बीमार हो गए हैं.

इंदौर में दूषित पानी का कहर

स्थानीय लोगों और मेयर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार दूषित पानी पीने से 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सरकारी आंकड़ों में यह संख्या कम बताई जा रही है. 24 दिसंबर से इलाके में उल्टी-दस्त की शिकायतें तेजी से बढ़ीं. नल का पानी गंदा और बदबूदार आ रहा था, जिसे पीने से 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए. अब तक 1000 से अधिक का इलाज किया जा चुका है. कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर उनकी हालत पर नजर रख रहे हैं. जांच में पता चला कि मुख्य पानी की पाइपलाइन में लीकेज था, जिससे सीवर का गंदा पानी पीने के पानी में मिल गया.

7 लोगों की मौत, 40 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती

नर्मदा नदी से आने वाली सप्लाई में यह प्रदूषण कैसे हुआ, इसकी गहराई से जांच चल रही है. पानी के सैंपल लैब में भेजे गए हैं, रिपोर्ट आने का इंतजार है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. साथ ही, सभी बीमार लोगों का पूरा इलाज सरकारी खर्च पर होगा.

सीएम ने तीन नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए. एक जोनल अधिकारी और असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि एक सब-इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. एक तीन सदस्यीय जांच समिति भी बनाई गई है, जो जल्द रिपोर्ट सौंपेगी.