Government Job Fraud: मध्यप्रदेश के रीवा जिले के शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 6 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी. जांच में इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है.
कुल 36 नियुक्त कर्मचारियों में से 10 लोग दस्तावेज सत्यापन के लिए हाजिर ही नहीं हुए. जांच में सामने आया कि इनमें से कम से कम 6 की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई थी. ये सभी नियुक्तियां बीते एक साल के अंदर की गईं थीं, जिससे भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने अपने कार्यकाल की नियुक्तियों का आंतरिक ऑडिट करवाया, जिसमें फर्जी नियुक्तियों का बड़ा घोटाला सामने आया. इस ऑडिट में कई अनियमितताएं और धोखाधड़ी के सबूत मिले.
जिला प्रशासन के अनुसार, अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन संकुल पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाता है, जिसकी हार्ड कॉपी संकुल प्रभारी के हस्ताक्षर के साथ दी जाती है. लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार कर फर्जी दस्तावेज़ों से नौकरी दिलवाई गई.
रीवा की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि एक नियुक्त कर्मचारी के बार-बार अनुपस्थित रहने पर शक हुआ. इसके बाद जांच हुई और पाया गया कि 4-5 अन्य नियुक्तियां भी फर्जी दस्तावेजों से की गई हैं. जांच कमेटी की पुष्टि के बाद मामला पुलिस के पास भेजा गया.
रीवा की ASP आरती सिंह के अनुसार, 9 दिसंबर 2024 से 4 अप्रैल 2025 के बीच की गई नियुक्तियों में कई फर्जीवाड़े सामने आए हैं. IPC की धारा 420 के तहत हीरामणि रावत, ओमप्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय रावत और रामादेवी द्विवेदी (क्लर्क) के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
फर्जी नियुक्तियों को मंज़ूरी देने में लापरवाही बरतने के आरोप में नोडल अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव भी भेजे गए हैं. मामले की जांच अब व्यापक स्तर पर जारी है और आने वाले दिनों में और फर्जी नियुक्तियों का खुलासा हो सकता है.