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दुनिया पर गिरने वाली है बड़ी गाज? उज्जैन में विराजमान भगवान महाकाल ने दे दिया बड़ा संकेत, जानें क्या बोले पुजारी

यह घटना दो-तीन दिन पहले की बताई जा रही है. उज्जैन में उस समय तेज हवाएं और आंधी-तूफान का माहौल था. संभवतः इसी दौरान मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज ढीला हो गया और नीचे गिर गया.

Gyanendra Tiwari
Edited By: Gyanendra Tiwari
flag fell in Ujjain Mahakal temple

उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं और चमत्कार समय-समय पर सामने आते रहते हैं. हाल ही में नोतपा के दौरान, जब मौसम में गर्मी की बजाय ठंडी हवाओं के साथ आंधी-तूफान देखने को मिला, तब मंदिर में एक अप्रत्याशित घटना घटी. तेज हवाओं के कारण मंदिर के शिखर पर लगा सोने का ध्वज अचानक गिर गया. इस घटना ने भक्तों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं छेड़ दीं, और मंदिर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठे.

यह घटना दो-तीन दिन पहले की बताई जा रही है. उज्जैन में उस समय तेज हवाएं और आंधी-तूफान का माहौल था. संभवतः इसी दौरान मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज ढीला हो गया और नीचे गिर गया. यह ध्वज वर्षों से भक्ति और परंपरा का प्रतीक रहा है. अच्छी बात यह रही कि इस हादसे में किसी को कोई चोट नहीं आई. उस समय मंदिर में सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए मौजूद थे. मंदिर प्रशासन ने तुरंत उस क्षेत्र को खाली कराया और गिरे हुए ध्वज को सुरक्षित रख लिया.

मंदिर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

इस घटना ने मंदिर प्रशासन की सावधानी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. भक्तों का कहना है कि इतने महत्वपूर्ण ध्वज की नियमित जांच और रखरखाव होना चाहिए था. हालांकि, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और ध्वज को फिर से स्थापित करने का काम शुरू कर दिया. इसके लिए शिखर पर मचान बनाकर काम चल रहा है.

पुजारी बोले- अनिष्ट की आशंका नहीं

मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने इस घटना को असामान्य बताया और कहा कि धार्मिक दृष्टिकोण से यह चिंता का विषय हो सकता है. परंपरा के अनुसार, गिरे हुए ध्वज को विशेष पूजा-अर्चना के साथ फिर से स्थापित किया जाएगा. लेकिन उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि बाबा महाकाल स्वयं 'कालों के काल' हैं और उनकी कृपा से कोई अनिष्ट नहीं हो सकता. पुजारी ने भक्तों से आग्रह किया कि वे किसी भी तरह की नकारात्मक सोच न रखें.

बाबा महाकाल हैं विपत्तियों के नाशक

पुजारी ने आगे कहा कि बाबा महाकाल सभी प्रकार की मुसीबतों को दूर करने वाले हैं. अगर ध्वज गिरने को अनिष्ट का संकेत माना भी जाए, तो भक्तों को भक्ति, पूजा, और ध्यान के साथ बाबा का आशीर्वाद लेना चाहिए. उन्होंने कहा, "महाकाल के सामने कोई विपत्ति टिक नहीं सकती. यह घटना हमें और अधिक भक्ति के साथ उनके चरणों में समर्पित होने का संदेश देती है."

श्रद्धालुओं की आस्था अटल

महाकालेश्वर मंदिर में हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, और यह घटना उनकी आस्था को कम नहीं कर सकती. भक्तों का मानना है कि बाबा महाकाल की कृपा से सब कुछ ठीक हो जाएगा. मंदिर प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए.

यह घटना भले ही अप्रत्याशित थी, लेकिन बाबा महाकाल के प्रति श्रद्धालुओं का विश्वास और मजबूत हुआ है. मंदिर में ध्वज को जल्द ही फिर से स्थापित करने की तैयारी चल रही है, और भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं.