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India Daily

'जनादेश एक क्षण के लिए नहीं 5 साल के लिए...', डीके शिवकुमार के 'जुबान' वाले बयान पर सिद्धारमैया का पलटवार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक पोस्ट कर अपने जूनियर यानी डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के कमेंट 'जुबान की शक्ति ही दुनिया की शक्ति है' का जवाब दिया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
DK Shivakumar, Siddaramaiah
Courtesy: @kamleshksingh

सीएम की कुर्सी को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक टसल चरम पर पहुंच गई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक पोस्ट कर अपने जूनियर यानी डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के कमेंट 'जुबान की शक्ति ही दुनिया की शक्ति है' का जवाब दिया है. सिद्धारमैया ने लिखा, 'जुबान तब तक बेहतर नहीं जब तक वह विश्व को लोगों के लिए बेहतर न बनाए.'

जनादेश के क्षण नहीं बल्कि जिम्मेदारी है

अपनी बात को साफ करने के लिए उन्होंने आगे लिखा, 'कर्नाटक के लोगों द्वारा दिया गया जनादेश एक क्षण नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है जो पांच साल तक चलती है. कांग्रेस पार्टी जिसमें मैं भी शामिल हूं अपने लोगों के लिए करुणा, निरंतरता और साहस के साथ अपनी बात पर चल रही है. कर्नाटक के लिए हमारे शब्द केवल नारा नहीं बल्कि यह हमारे लिए पूरी दुनिया है.'

ढाई-ढाई साल की सत्ता शेयरिंक कि किया गया था दावा

जुबान पर विवाद उस समय उपजा जब डीके शिवकुमार और उनकी टीम ने दावा किया कि जब 2023 में राज्य में सरकार बनी थी तो ढाई-ढाई साल की सत्ता शेयरिंग का दावा किया गया था. टीम ने दावा किया कि आला कमान ने डीके शिवकुमार को इस बात पर राजी कर लिया था कि रोटेशन के हिसाब से सीएम बदला जाएगा.

हालांकि इस पर सिद्धारमैया ने कहा कि ऐसा कोई दावा नहीं किया गया था, यही नहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है.

इससे पहले आज शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में कहा था, 'एक कहावत है जुबान की शक्ति विश्व की शक्ति होती है, जिसका मतलब होता है कि अपने वादे को निभाना हमारे लिए दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है.'

लोग नहीं जानते की कुर्सी की शक्ति क्या होती है

इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में अपने आस पास खड़े समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'जो लोग मेरे पीछे खड़े हुए हैं वे नहीं जानते कि कुर्सी की शक्ति क्या होती है. किसी भी कुर्सी पर बैठने की बजाय वे बेवजह खड़े रहते हैं.'

केंद्र से दखल की मांग

सिद्धारमैया ने पहले इस मुद्दे को नजरंदाज करने की कोशिश की थी लेकिन अब वो इस मुद्दे पर अपना रुख बदल चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, राज्य के जो नेता अब तक चाहते थे कि बजट तक हालातों को जस की तस रखा जाए वे भी अब चाहते हैं कि केंद्रीय नेता इस मामले में दखल दें.

इस तरह की भी चर्चा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी के साथ बैठक कर सकते हैं. इसके बाद दोनों सिद्धारमैया और शिवकुमार को दिल्ली बुलाया जा सकता है.