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'फैसला हाईकमान ही करेगा', कर्नाटक में सीएम बदलने की चर्चा पर मल्लिकार्जुन खरगे का बयान

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलाव की चर्चाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला केवल आलाकमान करेगा. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों की हलचल से सत्ता संघर्ष तेज हो गया है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Mallikarjun Kharge india daily
Courtesy: social media

बेंगलुरु: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. कांग्रेस के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर माहौल गर्म है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के गुटों की सक्रियता के बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बेंगलुरु पहुंचे और उन्होंने साफ कहा कि नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला केवल आलाकमान करेगा. 

इसी बीच ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले दोनों नेताओं के समर्थक दिल्ली और बेंगलुरु में लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई है.

'जो होना है, आलाकमान करेगा'

बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में मल्लिकार्जुन खरगे ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री बदलाव की अटकलों पर वह कुछ नहीं कहना चाहते. उन्होंने कहा कि मीडिया बेवजह समय बर्बाद कर रहा है क्योंकि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला केवल पार्टी हाईकमान लेगा. खरगे का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले उनकी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ एक घंटे से अधिक की बैठक हुई थी, जिसने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी.

ढाई साल का कार्यकाल पूरा

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपना ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया, जिससे नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं फिर तेज हो गईं. सिद्धारमैया ने शनिवार रात कहा कि वह हमेशा आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे. इसी बीच पार्टी के अंदर सत्ता संतुलन को लेकर दबाव बढ़ रहा है. सिद्धारमैया चाहते हैं कि मंत्रिमंडल फेरबदल पर तुरंत फैसला हो, जबकि डीके शिवकुमार की इच्छा है कि पहले नेतृत्व परिवर्तन पर निर्णय लिया जाए.

सप्ताह भर में सिद्धारमैया-खरगे की दो मुलाकातें

एक सप्ताह से भी कम समय में सिद्धारमैया की यह दूसरी मुलाकात थी, जिससे अटकलें और तेज हो गईं. दूसरी ओर, डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक सरकार के ढाई साल पूरा होने पर दिल्ली जाकर आलाकमान से मिलने पहुंचे. हालांकि शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस मुलाकात की जानकारी नहीं थी. इधर, सिद्धारमैया के करीबी मंत्री भी रविवार को खरगे से मिलने पहुंचे, जिससे राजनीतिक संदेश और गहरे हो गए हैं.

शिवकुमार के लिए चुनौती बन सकता है फेरबदल

पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी देता है, तो यह संकेत होगा कि सिद्धारमैया ही पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. ऐसे में शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कमजोर पड़ सकती है. यही कारण है कि वह चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर स्पष्ट निर्णय ले. वहीं सिद्धारमैया की ओर से अपने गुट को मजबूत करने की कोशिश जारी है.

बारी-बारी से सीएम फॉर्मूले पर फिर चर्चा

मई 2023 में चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस को दो बड़े चेहरे सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच संतुलन बैठाना पड़ा था. इसी वक्त ‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री’ वाले सूत्र की चर्चा सामने आई थी, जिसके अनुसार ढाई साल बाद नेतृत्व परिवर्तन होना था. हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर इस फॉर्मूले की कभी पुष्टि नहीं की. अब ढाई साल का समय पूरा होते ही वही चर्चा फिर राजनीतिक गलियारों में जोर पकड़ रही है.