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बेंगलुरु में कैश वैन से 7 करोड़ चोरी के मामले में कांस्टेबल था मास्टरमाइंड, काम को अंजाम देने की दी थी ट्रेनिंग

बेंगलुरु में कैश वैन से 7.11 करोड़ की दिनदहाड़े लूट के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर 6.29 करोड़ बरामद कर लिए हैं. जांच में पुलिसकर्मी समेत अंदरूनी साजिश और महीनों की तैयारी का खुलासा हुआ है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

बेंगलुरु: बेंगलुरु में 19 नवंबर को बैंक की कैश वैन से एक फिल्मी अंदाज में 7.11 करोड़ रुपये की लूट ने पूरे पुलिस तंत्र को हिला दिया. घटना की सूचना देर से मिलने के बावजूद पुलिस ने सिर्फ 72 घंटों में छह राज्यों में बड़े पैमाने पर खोज अभियान चलाया.

फोन डेटा, सीसीटीवी फुटेज और मानव खुफिया के आधार पर छह लोगों को गिरफ्तार कर 6.29 करोड़ बरामद किए गए. गिरफ्तार आरोपियों में एक पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है, जिससे यह साफ हो गया कि यह लूट अंदरूनी मदद के बिना संभव नहीं थी.

200 पुलिसकर्मी और डिजिटल डेटा की जांच

पुलिस ने खोज अभियान को तेजी से आगे बढ़ाते हुए केरल, तमिलनाडु, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत छह राज्यों में टीमें भेजीं. करीब 200 पुलिसकर्मियों ने फोन लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी का विश्लेषण किया. इसी आधार पर तीन मुख्य साजिशकर्ताओं, कांस्टेबल अन्नप्पा नाइक, पूर्व CMS कर्मचारी जेवियर और ट्रांसपोर्ट इंचार्ज गोपाल प्रसाद को बेंगलुरु से पकड़ा गया. इन तीनों के कब्जे से 5.76 करोड़ रुपये बरामद हुए, जिससे घटना की रूपरेखा स्पष्ट हो गई.

फर्जी RBI अधिकारियों ने दिया चकमा

जांच में पता चला कि गिरोह ने तीन महीने तक प्लानिंग की और 15 दिनों तक जगह-जगह रेकी की. उन्होंने ऐसी लोकेशन चुनीं जहां सीसीटीवी कवरेज कमजोर था. गिरोह ने फर्जी आरबीआई अधिकारियों के रूप में कैश वैन के कर्मचारियों को भ्रमित किया और कई गाड़ियों पर नकली नंबर प्लेट लगाईं. व्हाट्सऐप कॉल पर अलग-अलग भाषाओं में बातचीत कर उन्होंने टावर लोकेशन ट्रैकिंग से भी बचने की कोशिश की. घटना डेयरी सर्कल फ्लाईओवर पर हुई, जिसकी सूचना दो घंटे देर से और गलत लोकेशन के साथ दी गई.

अंदरूनी मदद से दिया गया अंजाम

कांस्टेबल अन्नप्पा नाइक ने गिरोह को अपराध को बिना सुराग छोड़े अंजाम देने की ट्रेनिंग दी. वहीं गोपाल प्रसाद ने वैन की मूवमेंट की रियल-टाइम जानकारी साझा की, जिससे गिरोह सही समय पर वार कर सका. जैसे ही वैन शहर सीमा से बाहर पहुंची, जेवियर ने नकदी की जिम्मेदारी संभाली. लुटेरों की SUV बाद में चित्तूर जिले में मिली, जिसमें टूटे हुए कैश चेस्ट भी बरामद हुए. इससे साफ हुआ कि पूरा ऑपरेशन अंदरूनी सहयोग और मजबूत रणनीति पर आधारित था.

हैदराबाद लॉज से तीन और गिरफ्तार

पहले गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हैदराबाद के एक लॉज से तीन और सहयोगियों- नवीन, नेल्सन और रवि को गिरफ्तार किया. इनके पास से 53 लाख रुपये बरामद हुए. पुलिस को शक है कि पूरा गिरोह छह से आठ लोगों का था. अभी दो आरोपी फरार हैं और करीब 82 लाख रुपये की बरामदगी बाकी है. पुलिस टीमें लगातार इन फरार लोगों की तलाश में विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही हैं.

RBI दिशानिर्देशों का उल्लंघन

पुलिस आयुक्त सीमंत कुमार सिंह के अनुसार CMS कंपनी ने कैश ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई आरबीआई नियमों का पालन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में गंभीर चूक हुई है और वे कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश करेंगे. पुलिस अब इस मामले को अंदरूनी मिलीभगत और सुरक्षा लापरवाही के बड़े उदाहरण के रूप में देख रही है और भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सिस्टम की ओर बढ़ने की तैयारी कर रही है.