Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को आईपीएल 2025 की जीत का उत्सव उस समय त्रासदी में बदल गया, जब भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और राज्य सरकार से जवाब मांगा.
कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि स्टेडियम और उसके आसपास कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे, जिनमें शहर के पुलिस आयुक्त, डीसीपी और एसीपी शामिल थे. हालांकि, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक दिन पहले दावा किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 5,000 पुलिसकर्मी मौजूद थे. सरकार ने यह भी बताया कि पानी के टैंकर, एम्बुलेंस और कमांड एंड कंट्रोल वाहन जैसे आपातकालीन संसाधन भी उपलब्ध थे.
हाई कोर्ट की टिप्पणी
कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ ने इस घटना को गंभीरता से लिया. पीठ ने कहा, "जश्न मनाने के इरादे से त्रासदी हुई है. हम इसकी वजहों का पता लगाएंगे और यह भी जांचेंगे कि इसे रोका जा सकता था या नहीं.' महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने अदालत को आश्वासन दिया, "हम कोई प्रतिकूल रुख नहीं अपना रहे हैं. अदालत जो भी निर्देश देगी, हम उसका पालन करेंगे.'
भीड़ की संख्या और स्टेडियम की क्षमता
सरकार ने बताया कि स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन आमतौर पर केवल 30,000 टिकट बिकते हैं. इस बार 2.5 लाख से अधिक लोग स्टेडियम के आसपास जमा हो गए, क्योंकि कई लोगों को लगता था कि प्रवेश फ्री में होगा. दोपहर तक भीड़ जमा होने लगी थी और 3 बजे तक इलाका पूरी तरह बंद हो गया. शेट्टी ने कोर्ट के सामने स्टेडियम का नक्शा पेश करते हुए बताया कि गेट 7 पर 4, गेट 6 पर 3 और क्वींस रोड पर 4 मौतें हुईं.
जांच के निर्देश
अदालत ने पूछा कि क्या क्राउड कंट्रोल के लिए कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) था. जवाब में सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को नया एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया है, जिस पर काम शुरू हो चुका है. साथ ही, आरसीबी और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन को बेंगलुरु जिला कलेक्टर द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा. शेट्टी ने बताया कि एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच शुरू हो चुकी है ताकि किसी भी लापरवाही को उजागर किया जा सके.
अगली सुनवाई और भविष्य की योजना
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार के लिए निर्धारित की है. अदालत ने रजिस्ट्री को स्वतः संज्ञान लेने और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए विशिष्ट बिंदुओं को निर्धारित करने का निर्देश दिया है.