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डॉक्टर ने 14 करोड़ दान कर बदल दी सरकारी स्कूल की सूरत, मेंटेनेंस के लिए हर साल 10 लाख देने का किया वादा

डॉ. वेंकटप्पा ने कहा, “मैंने 1949 से 1957 तक इस स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की. यहां के शिक्षकों ने मेरी शैक्षिक नींव मजबूत की. एक सामान्य कृषक परिवार से होने के बावजूद मैंने MBBS और MD पूरा किया."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Doctor donates ₹14 crore for karnataka school

बेंगलुरु दक्षिण जिले के चन्नपटना तालुक में होंगनूरु गांव का कर्नाटक पब्लिक स्कूल (KPS) अब किसी अंतरराष्ट्रीय स्कूल से कम नहीं है. इस सरकारी स्कूल में 50 कमरे, 40 कंप्यूटर, गणित और विज्ञान प्रयोगशालाएं, डिजिटल शिक्षण बोर्ड, सुसज्जित पुस्तकालय और खेल सुविधाएं हैं. यह परिवर्तन मेडिकल उद्यमी और पूर्व छात्र डॉ. एच.एम. वेंकटप्पा के 14 करोड़ रुपये के दान से संभव हुआ.

जिस स्कूल में पढ़े उसी का कर किया कायाकल्प

डॉ. वेंकटप्पा ने अपनी प्रेरणा साझा करते हुए कहा, “मैंने 1949 से 1957 तक इस स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की. यहां के शिक्षकों ने मेरी शैक्षिक नींव मजबूत की. एक सामान्य कृषक परिवार से होने के बावजूद मैंने MBBS और MD पूरा किया. स्कूल के तत्कालीन प्रधानाध्यापक, जो गांधीवादी थे, ने मुझे प्रेरित किया. मैंने इस स्कूल को पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण करने का फैसला लिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब छात्र मुफ्त में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सकें.” 

नया स्कूल बनते ही बढ़ी नामांकन संख्या

जून 2022 में चार एकड़ जमीन पर पुरानी इमारत को पूरी तरह ध्वस्त कर दो नई इमारतें बनाई गईं. अब यह स्कूल LKG/UKG से II PU तक कन्नड़ और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करता है. डॉ. वेंकटप्पा के माता-पिता, चेन्नम्मा और मंचे गौड़ा के नाम पर स्कूल का नामकरण किया गया है. इस शैक्षणिक वर्ष से स्कूल शुरू हो चुका है, और छात्र संख्या 150-200 बढ़कर लगभग 800 हो गई है, जबकि अन्य सरकारी स्कूलों में नामांकन घट रहा है.

निरंतर सहयोग और उद्घाटन

डॉ. वेंकटप्पा ने स्कूल के रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये और अतिथि शिक्षकों के लिए 12,500 रुपये के सरकारी मानदेय के अतिरिक्त 5,000 रुपये प्रति शिक्षक देने का वादा किया है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार शुक्रवार को स्कूल का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. स्कूल शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि उनकी सरकार स्कूल विकास निगरानी समितियों के माध्यम से अन्य स्कूलों के लिए भी ऐसे योगदान को प्रोत्साहित करेगी.