menu-icon
India Daily

महाराष्ट्र के स्कूलों में सुरक्षा कड़ी, सरकार का सख्त कदम, जानिए बच्चों के लिए किन नियमों में हुए बदलाव

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं. सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगाने, सुरक्षा समितियां बनाने और बाल संरक्षण नियमों के पालन को अनिवार्य किया है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Maharashtra School Security
Courtesy: Pinterest

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूलों में सुरक्षा प्रबंधन को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अब सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं, जिससे छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके.

शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने विधानसभा में बताया कि कई स्कूलों में सुरक्षा समितियों, शिकायत पेटियों और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी थी, जिसके चलते सरकार ने सख्त नियम लागू किए हैं. सरकार का मानना है कि आधुनिक सुरक्षा प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.

राज्य में सुरक्षा ढांचे का विस्तार

स्कूल पोर्टल के तहत अब तक 4,888 से अधिक स्कूल पंजीकरण करा चुके हैं. इसके साथ ही 1,03,665 स्कूल सुरक्षा समितियां और लगभग उतने ही पीटीए गठित किए गए हैं. अधिकतर स्कूलों ने बाल संरक्षण कानूनों और दिशानिर्देशों के अनुपालन की पुष्टि भी की है. सरकार का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता और निगरानी दोनों आवश्यक हैं.

सीसीटीवी लगाने की बड़ी पहल

राज्य के 60,049 सरकारी और 29,049 निजी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. मंत्री के अनुसार, अब तक हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी डेटाबेस में अपना पंजीकरण कराया है, जिससे निगरानी और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों मजबूत होंगी. यह कदम सभी माध्यमों और प्रबंधन वाले स्कूलों के लिए अनिवार्य किया गया है.

अधोसंरचना पर करोड़ों का निवेश

जनजातीय विकास विभाग के 16 आश्रम स्कूलों में कैमरे लगाने के लिए 18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. कई जिलों में सीसीटीवी सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं, जिनमें अमरावती और पालघर प्रमुख हैं. अमरावती के 27 स्कूलों में 2 करोड़ रुपये की लागत से काम पूरा किया गया, जबकि अन्य जिलों में भी यह प्रक्रिया जारी है.

जिलों की मांग और प्रशासनिक मंजूरी

पालघर जिला परिषद ने सीसीटीवी लगाने के लिए 44 लाख रुपये की मांग जिला कलेक्टर को भेजी है. 2018-19 में 14 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी भी मिल चुकी है. वर्तमान में कई जिलों में निविदा प्रक्रिया चल रही है, जिससे व्यवस्था को जल्द लागू किया जा सके.

विपक्ष की चिंताएं और सरकार का जवाब

विपक्ष ने काम की रफ्तार धीमी होने और धनराशि पर्याप्त न होने की शिकायत की है. विपक्ष का कहना है कि कई स्कूलों में प्रक्रिया अभी अधूरी है. मंत्री भुसे ने स्पष्ट किया कि 13 मई के सरकारी आदेश के अनुसार सुरक्षा उपाय तेजी से लागू हो रहे हैं और कार्य लगातार जारी है.