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India Daily

बेंगलुरु पार्क इवेंट को नुकसान पहुंचाने पर कर्नाटक सरकार और RCB के खिलाफ शिकायत दर्ज

नागरिक समूह ने आरोप लगाया कि खराब प्रबंधन और लापरवाही के कारण यह त्रासदी हुई, जिससे पार्क की बाड़, सजावटी पौधे और पेड़ों की टहनियां क्षतिग्रस्त हुईं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Complaint filed against Karnataka Government and RCB for damaging Bengaluru Park event

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2025 की जीत के जश्न के दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ ने न केवल 11 लोगों की जान ले ली, बल्कि पास के कब्बन पार्क को भी नुकसान पहुंचाया. इस घटना के बाद कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने कर्नाटक सरकार, आरसीबी, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए), और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए के खिलाफ शिकायत दर्ज की है.

नागरिक समूह ने आरोप लगाया कि खराब प्रबंधन और लापरवाही के कारण यह त्रासदी हुई, जिससे पार्क की बाड़, सजावटी पौधे और पेड़ों की टहनियां क्षतिग्रस्त हुईं.

कब्बन पार्क को हुआ नुकसान

कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने स्थानीय पुलिस को एक पत्र लिखकर बताया कि 4 जून 2025 को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी के जश्न के दौरान भारी भीड़ ने कब्बन पार्क में प्रवेश किया, जिससे पार्क की बाड़ टूट गई, सजावटी पौधों और पेड़ों की टहनियों को नुकसान पहुंचा. पत्र में यह भी कहा गया कि भीड़ ने क्षेत्र में गंदगी फैलाई, जिसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. एसोसिएशन ने इसे सरकार की लापरवाही करार दिया और कहा कि इस आयोजन के लिए कोई तैयारी नहीं की गई थी.

पत्र में लिखा गया, "आरसीबी की जीत के जश्न को डीएनए और कर्नाटक सरकार सहित अन्य संगठनों ने बिना किसी तैयारी के आयोजित किया. इससे भारी भीड़ कब्बन पार्क में घुस गई, जिसने पार्क की बाड़, पौधों और पेड़ों को नुकसान पहुंचाया."

सेना पर भी उठे सवाल

शिकायत में कर्नाटक सब एरिया आर्मी हेडक्वार्टर्स को भी जिम्मेदार ठहराया गया है. एसोसिएशन का कहना है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम और आसपास का वायरलेस ऑफिस का क्षेत्र सेना के अधीन है, और इसे कर्नाटक सरकार या केएससीए को हस्तांतरित करने का कोई दस्तावेज नहीं है. पत्र में कहा गया कि सेना ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, जिसके कारण यह हादसा हुआ.

भगदड़ की त्रासदी

4 जून 2025 को शाम 5 से 7 बजे के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लगभग 2.5 लाख प्रशंसकों की भीड़ जमा हुई थी. यह आयोजन आरसीबी की पहली आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए था. लेकिन स्टेडियम में प्रवेश के लिए मुफ्त पास की घोषणा ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. टिकट न होने वाले प्रशंसकों ने गेट की ओर दबाव बनाया, जिससे भगदड़ मच गई. इस हादसे में 11 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर युवा और छात्र थे, और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए.

सरकार और आयोजकों पर लापरवाही का आरोप

कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन ने अपनी शिकायत में कर्नाटक सरकार पर "कर्तव्य में लापरवाही" का आरोप लगाया. एसोसिएशन ने कहा कि सरकार, केएससीए, डीएनए, और आरसीबी ने भीड़ प्रबंधन के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए. शिकायत में मांग की गई है कि इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

इसके अलावा, कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया और सरकार को स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के कारणों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर एक स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया.

सरकार और आरसीबी की प्रतिक्रिया

इस त्रासदी के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. आरसीबी ने भी प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया और घायलों के लिए 'आरसीबी केयर्स' नाम से एक फंड शुरू किया.

हालांकि, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार पर तीखा हमला बोला. बीजेपी नेता बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि सरकार ने बिना तैयारी के जल्दबाजी में यह आयोजन किया, जिसके कारण यह हादसा हुआ. उन्होंने इसे "प्रचार के लिए की गई लापरवाही" करार दिया.

भविष्य के लिए सबक

यह त्रासदी न केवल आरसीबी की ऐतिहासिक जीत को फीका कर गई, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या इस तरह के बड़े आयोजनों के लिए उचित योजना बनाई गई थी. कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन की शिकायत ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम जरूरी हैं.