Bengaluru stampede: बुधवार शाम को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य घायल हो गए.
यह आयोजन आरसीबी की आईपीएल जीतने के सम्मान में आयोजित किया गया था. मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक , भीड़ में अफरा-तफरी तब मची जब लोग अपने पसंदीदा क्रिकेटरों और टीम बस की एक झलक पाने के लिए पेड़ों पर चढ़ने और दीवारें फांदने लगे.
सरकार का रुख और जांच का ऐलान
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, "मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच होगी. आरसीबी और क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) यह समारोह चाहते थे और हमने कहा कि हम इसकी सुविधा देंगे." वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन के लिए राज्य सरकार ने कोई अनुरोध नहीं किया था. हमने आरसीबी और केएससीए से जश्न के बारे में कोई अनुरोध नहीं किया उन्होंने इसका आयोजन किया था. हमें लगा कि सरकार को इसकी सुविधा देनी चाहिए. सिर्फ़ इसलिए कि यह बेंगलुरु की टीम थी, हमें लगा कि हमें जश्न का हिस्सा होना चाहिए.'
कर्नाटक उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप
इस दुखद घटना के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है. इसकी सुनवाई आज अपराह्न 2:30 बजे निर्धारित है.
भगदड़ के कारण और प्रत्यक्षदर्शियों की बात
सूत्रों के मुताबिक, भगदड़ तब मची जब स्टेडियम के बाहर एक स्लैब भीड़ के वजन के कारण टूट गया. इसके अलावा, छोटे गेटों को तोड़कर अंदर जाने की कोशिश में धक्का-मुक्की ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. वीडियो में दिखा कि बेहोश हुए लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया गया, और एम्बुलेंसें घायलों को अस्पताल ले गई.