Mangal Munda Death: भारत के आदिवासी समाज के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा (45) का दिल की धड़कन रुकने से निधन हो गया. मंगल मुंडा एक सड़क हादसे में घायल हुए थे और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था. मंगल मुंडा ने राज्य के राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में रात करीब साढ़े बारह बजे अंतिम सांस ली. उनके निधन से झारखंड के आदिवासी समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है.
सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे मंगल मुंडा
अस्पताल में इलाज के दौरान निधन
RIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरें बिड़ुआ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मंगल मुंडा को वेंटिलेटर पर रखा गया था और डॉक्टरों ने उनकी पूरी कोशिश की, लेकिन अंततः उनका जीवन नहीं बचाया जा सका. उनकी मृत्यु से पहले, अस्पताल ने यह सुनिश्चित किया था कि उन्हें समय रहते इलाज मिले, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मंगल मुंडा की मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा शोक व्यक्त किया. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे मंगल मुंडा जी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ. वह बिरसा मुंडा जी के वंशज थे और उनका निधन झारखंड के आदिवासी समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. भगवान उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे.'
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, 'मंगल मुंडा जी का निधन झारखंड के आदिवासी समाज और हमारे देश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.'
मुंडा के इलाज में हुई देरी
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मंगल मुंडा को इलाज के दौरान उचित ध्यान नहीं दिया गया और जब वह RIMS पहुंचे, तो पूरी रात एंबुलेंस में पड़े रहे, जिस पर उचित ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर उनका इलाज समय पर किया जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी.