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India Daily

'क्या हुआ तेरा वादा...', झारखंड विधानसभा में BJP ने फिल्मी अंदाज में हेमंत सरकार को घेरा

झारखंड विधानसभा में बीजेपी ने फिल्मी गाना गाकर हेमंत सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाया. बीजेपी का कहना है कि गैस सिलेंडर, रोजगार और छात्रवृत्ति जैसे वादे अधूरे हैं.

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Edited By: Km Jaya
BJP Protest India daily
Courtesy: @BJP4Jharkhand X account

रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को सदन में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी बीजेपी विधायकों ने सरकार को उसके अधूरे वादों की याद दिलाने के लिए फिल्मी अंदाज अपनाया.

बीजेपी विधायक नीरा यादव ने सदन में पुराने फिल्मी गीत 'क्या हुआ तेरा वादा, भूल गए वो दिन...' गाकर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा. उनके साथ अन्य बीजेपी विधायकों ने भी समर्थन में गीत गाया और सदन में विरोध दर्ज कराया. सदन में चला यह फिल्मी अंदाज और आरोप-प्रत्यारोप का दौर पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा. 

सदन के बाहर भी बीजेपी विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. बीजेपी का कहना है कि हेमंत सरकार ने जनता से सात बड़े वादे किए थे, लेकिन वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं. इन वादों में 450 रुपये में गैस सिलेंडर देना, हर साल दस लाख युवाओं को रोजगार देना और गरीब छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति उपलब्ध कराना प्रमुख थे. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार इन वादों को पूरा करने के बजाय बालू और अन्य संसाधनों के बंटवारे में उलझी हुई है. 

विपक्ष ने क्या लगाया आरोप?

विपक्ष ने आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति, विधवा पेंशन जैसी कई योजनाएं बंद हैं, जिससे जनता निराश है. बीजेपी ने चेतावनी दी कि जब तक ये वादे पूरे नहीं होते, तब तक वे सदन से सड़क तक आंदोलन जारी रखेंगे. विपक्ष के आरोपों पर सरकार ने भी पलटवार किया. मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि बीजेपी बिना किसी सबूत के आरोप लगा रही है और सिर्फ बालू जैसे मुद्दों को उछालकर जनता का ध्यान भटकाना चाहती है. 

बीजेपी विधायक रागिनी सिंह ने क्या लगाया आरोप?

सरकार ने कहा कि विपक्ष अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहा है और केवल राजनीतिक लाभ के लिए शोर मचा रहा है. इसी बीच, बीजेपी विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि सदन में विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने धनबाद कोलियरी क्षेत्र में हो रहे जहरीली गैस रिसाव के मुद्दे को उठाया और सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि इतने गंभीर मामले पर सरकार की उदासीनता बेहद चिंताजनक है. यह साफ है कि शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव आगे भी जारी रहेगा.