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झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के बढ़ाए पैसा, जानें अब कितने मिलेंगी रकम

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. झारखंड में मुख्यमंत्री गंभीर रोग उपचार योजना के लाभार्थियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. यह योजना अब मुख्यमंत्री आबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में शामिल होगी.

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Edited By: Princy Sharma
Mukhyamantri Gambhir Bimari Yojana
Courtesy: Pinterest

Mukhyamantri Gambhir Bimari Yojana: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. झारखंड में मुख्यमंत्री गंभीर रोग उपचार योजना के लाभार्थियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. यह योजना अब मुख्यमंत्री आबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में शामिल होगी. इसके बाद आबुआ योजना के लाभार्थियों की तरह मुख्यमंत्री गंभीर रोग योजना के लाभार्थियों को भी 15 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.

इससे गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. आइए जानते हैं कि इस योजना के तहत कितनी बीमारियों का लाभ उठाया जा सकता है. आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 15 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ट्रस्ट मोड में उपलब्ध होगी. 

बुधवार को लिया गया फैसला

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. उन्होंने स्वास्थ्य निदेशकों को गंभीर रोग योजना में शामिल 21 बीमारियों के पैकेज पर निर्णय लेने को कहा. इस बैठक में ई-केवाईसी में सहयोग के लिए सह्याद्रियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया. 

अभी तक केंद्र सरकार प्रति कार्ड 5 रुपये दे रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा भी 5 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. इसका प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट को भेजा जाएगा. इसके बाद इस योजना के लिए उपलब्ध राशि में वृद्धि की जाएगी.

पैनल में अस्पतालों को शामिल 

झारखंड के अपर मुख्य सचिव ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अस्पतालों को पैनल में शामिल करने और पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मासिक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अच्छे अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा, 'इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी हितधारकों को समन्वित प्रयास करने होंगे ताकि झारखंड के नागरिकों को सुगम, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिल सके.'