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India Daily

Boycott Turkish: भोपाल मेट्रो ने तुर्की कंपनी के साथ रद्द किया करार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ था विवाद

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस ऑपरेशन के दौरान यह खुलासा हुआ कि तुर्की की कंपनी आसिस गार्ड द्वारा निर्मित सोंगार सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Bhopal Metro
Courtesy: Social Media

Boycott Turkish: मध्य प्रदेश मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए तुर्की की कंपनी आसिस गार्ड के साथ स्वचालित किराया संग्रह  करार को रद्द कर दिया है. यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की कंपनी द्वारा ड्रोन सप्लाई से जुड़े विवाद के मद्देनजर लिया गया है. करार रद्द होने के बाद भोपाल मेट्रो ने नई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि प्रोजेक्ट के कार्य में कोई देरी न हो.

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस ऑपरेशन के दौरान यह खुलासा हुआ कि तुर्की की कंपनी आसिस गार्ड द्वारा निर्मित सोंगार सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था. इस विवाद ने देश में तुर्की कंपनियों के खिलाफ गुस्सा भड़का दिया, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आसिस गार्ड के साथ अपने सभी संबंध तोड़ने का फैसला किया.

कैलाश विजयवर्गीय ने  किया था विरोध 

मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा, "राष्ट्र सर्वोपरि है. भारत की संप्रभुता के खिलाफ खड़े किसी भी व्यक्ति या कंपनी के साथ कोई सहानुभूति या सहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." उन्होंने निर्देश दिए कि अगर तुर्की कंपनी का कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध भारत विरोधी गतिविधियों से पाया जाता है, तो उसका करार तत्काल रद्द किया जाए.

करार रद्द और नई टेंडर प्रक्रिया
आसिस गार्ड को भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स में स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली के लिए 230 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था. यह ठेका डिजिटल टिकटिंग और सिग्नलिंग सिस्टम के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए था. हालांकि, कंपनी के ड्रोन सप्लाई विवाद में शामिल होने की खबरों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस करार को रद्द करने का फैसला किया. माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्किये की कंपनियों द्वारा ड्रोन सप्लाई के विवाद के बाद वर्क ऑर्डर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.