Ranka police station: झारखंड के गढ़वा जिले में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला रंका थाना क्षेत्र के विश्रामपुर गांव का है, जहां जंगली हाथियों के झुंड ने एक ग्रामीण को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. इस हमले में दो अन्य ग्रामीण बाल-बाल बच गए. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है.
शव को जंगल से लाया गया बाहर
जानकारी के अनुसार, विश्रामपुर गांव के तीन ग्रामीण किसी काम से जंगल की ओर गए थे. देर रात जब वे वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में उनका सामना जंगली हाथियों के एक बड़े झुंड से हो गया. अचानक इतने सारे हाथियों को देखकर तीनों घबरा गए और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. इससे हाथी आक्रोशित हो उठे और तीनों पर हमला कर दिया. दो ग्रामीण किसी तरह भागने में सफल रहे, लेकिन मखड़ू उरांव नामक ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने घेर लिया और कुचलकर मार डाला.
घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और मृतक के शव को जंगल से बाहर लाया गया. इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक और रोष का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी की जान हाथियों ने ली हो. पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई हमले हो चुके हैं, लेकिन वन विभाग की लापरवाही के कारण स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.
ग्रामीणों ने हाथियों के बढ़ते आतंक
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उन्हें सुरक्षित क्षेत्र की ओर खदेड़ने की कोशिशें की जा रही हैं.
हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग केवल घटना के बाद ही सक्रिय होता है. अगर पहले से एहतियात बरती जाती, तो ऐसे हादसे टाले जा सकते थे. ग्रामीणों ने हाथियों के बढ़ते आतंक को रोकने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है.