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Maoist Bandh Jharkhand: माओवादियों ने 15 अक्तूबर को किया झारखंड बंद का ऐलान, अलर्ट पर पूरा राज्य

Maoist Bandh Jharkhand: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में लगातार अभियानों, आत्मसमर्पण और एनकाउंटर की वजह से माओवादियों का असर काफी कम हुआ है.

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Edited By: Reepu Kumari
Maoist Bandh Jharkhand
Courtesy: Pinterest

Maoist Bandh Jharkhand: शादी-ब्याह और त्योहारों के बीच झारखंड में तनाव का माहौल बन गया है. प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने बुधवार से ‘प्रतिरोध सप्ताह’ की घोषणा की है और 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. इस ऐलान के बाद से प्रशासन सतर्क हो गया है और राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए चौकसी बरत रही हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों जवानों को तैनात कर दिया गया है, ताकि आम नागरिक बिना किसी भय के अपनी रोजमर्रा की गतिविधियां जारी रख सकें.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि जनता को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और सामान्य जीवन बाधित नहीं होगा. सरकार और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सीमावर्ती जिलों तक चौकसी बढ़ा दी है. बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से सटे क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. वहीं, हालिया अभियानों की वजह से माओवादियों की गतिविधियां अब सीमित इलाकों तक सिमट गई हैं, फिर भी किसी ढील की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा रही.

सुरक्षा पर प्रशासन का फोकस

  • झारखंड पुलिस ने बंद और विरोध सप्ताह के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी रणनीति बनाई है.
  • सीआरपीएफ की 12 बटालियन और जेएपी व आईआरबी की 20 कंपनियां राज्यभर में तैनात की गई हैं.
  • संवेदनशील स्थानों, सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों और मुख्य सड़कों पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त मौजूदगी से माहौल नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है.

सीमावर्ती जिलों में अलर्ट

बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. सुरक्षा बल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि माओवादियों को मूवमेंट का कोई मौका न मिले.

माओवादी गतिविधियों का घटता दायरा

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में लगातार अभियानों, आत्मसमर्पण और एनकाउंटर की वजह से माओवादियों का असर काफी कम हुआ है. उनकी मौजूदगी अब केवल सारंडा जंगल, लातेहार और चतरा के कुछ हिस्सों तक सीमित है. सुरक्षा एजेंसियां इन इलाकों में भी तलाशी अभियान तेज कर रही हैं.

जनता से अपील

राज्य पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि लोग बिना डर के अपने दैनिक कार्य करें और किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें. प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा इंतजाम इतने कड़े हैं कि माओवादी बंद का असर आम लोगों की जिंदगी पर नहीं पड़ेगा.