दिल्ली धमाके की जांच में बड़ा खुलासा, मुजम्मिल ने किस मकसद से बनवाया जमीन के 10 फीट नीचे मदरसा? जानें
दिल्ली धमाके की जांच में फरीदाबाद का एक भूमिगत मदरसा बड़ा सुराग बनकर उभरा है. यह मदरसा जमीन से दस फीट नीचे पांच फीट मोटी दीवारों के साथ बनाया जा रहा था. इसकी फंडिंग डॉ मुजम्मिल कर रहा था.
फरीदाबाद: दिल्ली धमाके की जांच में फरीदाबाद का संदिग्ध मदरसा अब जांच एजेंसियों के लिए एक नए मॉड्यूल के रूप में सामने आया है. यह मदरसा अल फलह यूनिवर्सिटी के पास करीब दो किलोमीटर की दूरी पर 200 गज जमीन में बनाया जा रहा था. पहली नजर में ही इसकी बनावट एक सामान्य धार्मिक शिक्षण संस्थान जैसी नहीं दिख रही थी. सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि मदरसा जमीन से करीब दस फीट नीचे बनाया जा रहा था.
इसकी मोटी कंक्रीट की दीवारें लगभग पांच फीट तक चौड़ी थीं और अंदर पंखे, चटाइयां और बैठने की जगह भी बनी हुई थी. इससे साफ संकेत मिला कि यहां नियमित रूप से लोगों का आना जाना रहा होगा. जांच अधिकारियों को इस भूमिगत ढांचे ने शुरू से ही शक की दिशा में ले जाने का काम किया. सवाल उठने लगे कि आखिर इतने मजबूत और गुप्त ढांचे की जरूरत एक धार्मिक संस्थान को क्यों पड़ी?
जांच में क्या आया सामने?
जब जांच की टीम जब इस स्थान पर पहुंची तो देखा कि निर्माण कार्य काफी सोच समझकर किया गया था. इस प्रकार की संरचना से सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान सीधे यह समझने में गया कि कहीं यह सिर्फ धार्मिक शिक्षा का केंद्र न होकर किसी गुप्त साजिश का ठिकाना तो नहीं था. जांच में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब यह पता चला कि मदरसे का पंजीकरण मौलवी इश्ताक के नाम पर था, लेकिन फंडिंग पूरी तरह डॉ मुजम्मिल द्वारा की जा रही थी.
कब और किसकी योजना पर तैयार किया गया?
डॉ मुजम्मिल का नाम दिल्ली धमाके के मॉड्यूल में शामिल लोगों से जुड़ा हुआ है. इस कड़ी ने जांच को और गंभीर कर दिया और इसे एक स्थानीय नहीं, बल्कि बड़े स्तर के नेटवर्क की तरफ इशारा माना गया. जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह भूमिगत ढांचा कब और किसकी योजना पर तैयार किया गया. निर्माण सामग्री कहां से मंगाई गई और किस उद्देश्य के लिए इतनी मजबूत संरचना बनाई गई.
क्या-क्या थी व्यवस्था?
यह भी देखा जा रहा है कि क्या यहां किसी गुप्त बैठक, प्रशिक्षण या किसी और गतिविधि का संचालन होता था. यह तथ्य भी सामने आया है कि मदरसा निर्माणाधीन होने के बावजूद अंदर बैठने की पूरी व्यवस्था थी. 24 दिसंबर 2025 को एनआईए की टीम विशेष सुरक्षा के साथ डॉ मुजम्मिल को लेकर फरीदाबाद पहुंची.
टीम ने न केवल मदरसे का निरीक्षण किया, बल्कि डॉ मुजम्मिल को अल फलह यूनिवर्सिटी और उसके रहने वाले घर पर भी ले जाया गया. जांच एजेंसियों के अनुसार यह मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा मॉड्यूल हो सकता है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे संभव हैं.
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