गुरुग्राम के सुशांत लोक-2 इलाके में गुरुवार सुबह 10:30 बजे उस वक्त सनसनी फैल गई जब 51 वर्षीय दीपक यादव ने अपनी बेटी राधिका यादव को उस समय गोली मार दी जब वह किचन में नाश्ता बना रही थी. राधिका न केवल एक टेनिस खिलाड़ी थीं, बल्कि हाल ही में उन्होंने एक टेनिस अकादमी भी शुरू की थी. पुलिस जांच में पता चला है कि यह वारदात पहले से तय थी और राधिका के करियर और निजी फैसलों से उनके पिता नाराज़ थे
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान दीपक यादव ने हत्या की योजना बनाने की बात मानी है. उसने बताया कि वह रोजाना सुबह दूध लाने खुद जाता था, लेकिन वारदात वाले दिन उसने जानबूझकर बेटे को भेजा ताकि वह राधिका के साथ अकेला रह सके. इसी दौरान उसने चार गोलियां राधिका की पीठ में मार दीं. दीपक ने यह भी स्वीकारा कि गांव वजीराबाद में लोगों द्वारा यह कहे जाने पर कि वह बेटी की कमाई पर जी रहा है, वह शर्मिंदगी महसूस करता था. इसी कारण उसने राधिका से टेनिस अकादमी बंद करने को कहा, लेकिन राधिका ने इंकार कर दिया.
पुलिस के अनुसार, दीपक यादव पिछले पंद्रह दिनों से सामाजिक अपमान और मानसिक तनाव से जूझ रहा था. लोगों द्वारा ताने दिए जाने से उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुंची. वहीं पड़ोसियों के मुताबिक, राधिका अपने पिता की मर्जी के खिलाफ दूसरी जाति के युवक से शादी करना चाहती थी, जिससे घर में लगातार तनाव था. वहीं, पुलिस को शक है कि दीपक की पत्नी मंजू यादव को इस योजना की जानकारी हो सकती है, हालांकि उन्होंने बुखार का हवाला देते हुए कोई बयान देने से इनकार किया है.
राधिका यादव हरियाणा की पांचवीं रैंक वाली महिला टेनिस खिलाड़ी थीं और नवंबर 2024 में आईटीएफ डबल्स में उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 113 रही थी. उन्होंने स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की और हाल ही में एक कंधे की चोट के बावजूद अपनी टेनिस अकादमी को चला रही थीं. परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि दीपक अक्सर राधिका के साथ देशभर में टूर्नामेंट्स के लिए जाते थे और उन्होंने बेटी के लिए कई बलिदान दिए. लेकिन सामाजिक अपमान ने उन्हें ऐसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. रिश्तेदारों का कहना है कि अब दीपक को अपनी गलती का पछतावा है और वह बार-बार इसे "पाप" कहकर रो रहे हैं.