menu-icon
India Daily

'बेटी की कमाई पर जीता है', राधिका यादव के पिता ने ताने सुनकर कर दी हत्या, पुलिस के सामने कबूलनामा

राधिका यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस खेलकर अपना नाम कमाया था. हालांकि एक चोट के चलते उन्होंने पेशेवर खेलना छोड़ दिया और बच्चों को कोचिंग देने के लिए एक टेनिस अकादमी शुरू की. लेकिन उनके पिता दीपक को ये बात लगातार खटक रही थी.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Radhika Yadav Murder
Courtesy: Social Media

Radhika Yadav Murder: हरियाणा की उभरती टेनिस स्टार राधिका यादव की हत्या की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. मात्र 25 साल की उम्र में इस युवा खिलाड़ी की जिंदगी का अंत बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाले तरीके से हुआ और सबसे दुखद पहलू ये है कि इस हत्या का आरोपी और कोई नहीं बल्कि उनके पिता दीपक यादव हैं. गुरुग्राम के सेक्टर 56 स्थित उनके घर में गुरुवार सुबह हुई इस वारदात ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

शुरुआती जांच में जहां वजह स्पष्ट नहीं थी, वहीं अब पुलिस और एफआईआर में सामने आई जानकारी इस पूरे मामले को और भी भयावह बना देती है. यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक दबाव और मानसिक तनाव के खतरनाक परिणाम की मिसाल बन गई है.

अकादमी और सोशल मीडिया पोस्ट बना विवाद की वजह

राधिका यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस खेलकर अपना नाम कमाया था. हालांकि एक चोट के चलते उन्होंने पेशेवर खेलना छोड़ दिया और बच्चों को कोचिंग देने के लिए एक टेनिस अकादमी शुरू की. लेकिन उनके पिता दीपक को ये बात लगातार खटक रही थी.

पुलिस के मुताबिक, एक सोशल मीडिया रील के चलते पिता नाराज थे. घटना वाले दिन इसी बात को लेकर घर में बहस हुई और फिर दीपक ने गुस्से में आकर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका पर तीन गोलियां चला दीं. यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे तब हुई जब राधिका रसोई में खाना बना रही थीं.

'लोग कहते थे बेटी की कमाई पर जीता है…'

दीपक यादव ने पुलिस के सामने हत्या की बात कबूलते हुए कहा कि गांव वालों की बातें और समाज के ताने उसे मानसिक रूप से तोड़ रहे थे. लोग कहते थे कि वह बेटी की कमाई पर जी रहा है, और राधिका के चरित्र पर भी टिप्पणी करते थे. इन सब बातों से तंग आकर उसने यह कठोर कदम उठाया.

एफआईआर के अनुसार, दीपक पहले भी राधिका से अकादमी बंद करने को कह चुका था, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रही. चाचा कुलदीप यादव की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया है.

मौत की पुष्टि और सबूतों की जब्ती

फायरिंग के बाद राधिका को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटनास्थल से रिवॉल्वर, पांच खाली खोखे और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. मां मंजू यादव ने बताया कि वह कमरे में थीं और उन्होंने केवल गोलियों की आवाज सुनी. फिंगरप्रिंट और फॉरेंसिक टीम ने मौके से नमूने लिए हैं और बीएनएस धारा 103(1) व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

एक सपना जो अधूरा रह गया

राधिका ने खेल की दुनिया में अपनी जगह बनाई थी. चोट के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कोच बनकर कई बच्चों को ट्रेनिंग दे रही थीं. लेकिन सामाजिक सोच, तानों और परंपराओं के बोझ ने एक पिता को इतना तोड़ दिया कि उसने अपनी ही बेटी की जिंदगी छीन ली.