T-Series Suicide Case: गुरुग्राम में म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के असिस्टेंट मैनेजर मनोज कुमार की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है. 23 साल से कंपनी में कार्यरत रहे मनोज ने 16 सितंबर की रात को फंदा लगाकर जान दे दी थी. अगले दिन उनका शव सेक्टर-109 स्थित शोभा सिटी सोसायटी के फ्लैट से बरामद हुआ, जो टी-सीरीज के नाम रजिस्टर्ड है.
आत्महत्या से कुछ घंटे पहले मनोज ने अपनी पत्नी को एक वीडियो भेजा था. इसमें उन्होंने टी-सीरीज की टीम तथा कंपनी के एचओडी संजय पांडे पर गंभीर आरोप लगाए. पुलिस ने इस वीडियो और पत्नी की शिकायत के आधार पर टी-सीरीज की टीम और संजय पांडे के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है.
पुलिस जांच के अनुसार, मनोज ने वीडियो में कहा था कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. उन्होंने संजय पांडे पर धमकाने का आरोप लगाया और यहां तक दावा किया कि उन्हें एक गैंगस्टर का नाम लेकर डराया गया. उन्होंने टी-सीरीज की टीम और मालिक की एक महिला रिश्तेदार का भी जिक्र किया, हालांकि प्रताड़ना के सटीक कारणों का खुलासा नहीं किया. 16 सितंबर की रात जब मनोज घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. अगले दिन दोपहर लगभग 12:30 बजे पुलिस को सूचना मिली और बजघेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने फ्लैट से शव को कब्जे में लिया और फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए.
असिस्टेंट मैनेजर मनोज कुमार की मौत पर दुख जताते हुए हुए टी-सीरीज ने कहा, 'हम अपने साथ कार्यरत श्री मनोज कुमार के असामयिक निधन की पुष्टि करते हैं. इस दुःखद घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हालांकि, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि श्री मनोज कुमार उस फ्लैट के देखभालकर्ता नहीं थे, जिसमें यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. वे कंपनी के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फील्ड संबंधी कार्य करते थे, जैसे कि संभावित किरायेदारों को कंपनी के स्वामित्व वाले विभिन्न फ्लैट दिखाना. उनके निधन के दुर्भाग्यपूर्ण दिन भी वे इसी कार्य के सिलसिले में गुरुग्राम स्थित उस फ्लैट पर गए थे (जो कंपनी के नाम पर पंजीकृत है, न कि कंपनी के किसी वरिष्ठ सदस्य के व्यक्तिगत नाम पर), जहां यह घटना घटी.
इसके साथ ही, हम यह दृढ़ता से खंडन करते हैं कि कंपनी के किसी वरिष्ठ सदस्य ने किसी भी प्रकार से कभी भी उन्हें परेशान किया हो. वस्तुतः, अपने सामान्य कार्य के दौरान श्री मनोज कुमार का वरिष्ठ प्रबंधन से कोई संपर्क नहीं होता था, और उन्होंने वास्तव में उनसे कोई बातचीत नहीं की थी. इसके विपरीत किसी भी प्रकार का सुझाव पूरी तरह असत्य है.
एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते, हम किसी भी आधिकारिक जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे. हालांकि, इस समय हम कोई और टिप्पणी करने से परहेज करते हैं, क्योंकि हम अभी इस घटना से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमारी तात्कालिक प्राथमिकता श्री मनोज कुमार के परिवार को इस कठिन समय में पूर्ण सहयोग प्रदान करना है.'
पीड़ित की पत्नी रेखा रानी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनके पति को लंबे समय से कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था. इसी दबाव में उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. शिकायत पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच टीम ने मनोज का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है. इसमें मौजूद वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है. अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रताड़ना किस वजह से की जा रही थी. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी.