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India Daily

Y Puran Suicide Case: IPS वाई. पूरन के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए मिली मंजूरी, आखिर नौ दिनों बाद परिवार कैसे हुआ राजी; जानें

Y Puran Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में परिवार ने आखिरकार पोस्टमार्टम की अनुमति दे दी है. शाम 4 बजे अंतिम संस्कार होने की उम्मीद है. परिवार पहले तब तक पोस्टमार्टम नहीं चाहता था जब तक पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया की गिरफ्तारी न हो जाए.

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Edited By: Km Jaya
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और उनकी पत्नी
Courtesy: @PapharanNag x account

Y Puran Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में एक बड़ा फैसला सामने आया है. उनके परिवार ने आखिरकार पोस्टमार्टम के लिए अनुमति दे दी है. इसके बाद आज शाम 4 बजे अंतिम संस्कार होने की उम्मीद है. यह फैसला उस समय आया है जब उनकी पत्नी, आईएएस अधिकारी अनमीत पी. कुमार, पहले पोस्टमार्टम से इनकार कर रही थीं. उन्होंने पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया की गिरफ्तारी की मांग की थी, जिनके नाम पूरन कुमार के सुसाइड नोट में लिखे गए थे.

पूरन कुमार का पोस्टमार्टम चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में किया जाएगा. पोस्टमार्टम से पहले चंडीगढ़ की एसएसपी कनवदीप कौर ने पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की और उनके साथ अस्पताल गईं. परिवार की सहमति तब मिली जब चंडीगढ़ पुलिस ने अदालत से गुहार लगाई थी कि परिवार को पोस्टमार्टम की अनुमति देने के लिए निर्देश दिए जाएं. अदालत ने इस पर आदेश दिया कि अनमीत पी. कुमार या तो खुद या अपने वकील के माध्यम से 15 अक्टूबर को जवाब दाखिल करें, नहीं तो फैसला मेरिट के आधार पर होगा.

48 घंटे का दिया अल्टीमेटम 

पूरन कुमार का यह मामला तब और गंभीर हो गया जब एक 31 सदस्यीय समिति ने पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद बढ़ते दबाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कपूर को जांच लंबित रहने तक छुट्टी पर भेज दिया. वहीं, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया गया है.

सुसाइड नोट से हुआ खुलासा

52 वर्षीय वाई. पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उन्हें चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाया गया था. उनका शव घर के बेसमेंट रूम में मिला, जिसमें गोली लगने का निशान था. नौ पन्नों के सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने 12 अधिकारियों के नाम लिखे थे और उन पर जातीय भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना और प्रशासनिक पक्षपात के आरोप लगाए थे. इस सनसनीखेज घटना के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है. अधिकारी अब आत्महत्या के पीछे की असली वजह और संबंधित आरोपियों की भूमिका की पड़ताल कर रहे हैं.