menu-icon
India Daily

Ex Agniveer Government Jobs: हरियाणा में अग्निवीरों की मौज! सरकारी नौकरियों में मिलेगा ये खास आरक्षण

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी पद के लिए उपयुक्त भूतपूर्व अग्निवीर उपलब्ध नहीं होता, तो वह पद संबंधित वर्टिकल रिजर्वेशन कैटेगरी से भरा जाएगा. साथ ही पुलिस कांस्टेबल, वन रक्षक, वार्डर और खनन रक्षक जैसे पदों पर भर्ती के दौरान पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट से छूट दी जाएगी.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Haryana Government Ex Agniveer Reservation in jobs
Courtesy: Pinterest

Ex Agniveer Government Jobs: हरियाणा सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को सम्मान और अवसर देने के लिए एक अहम निर्णय लिया है. सरकार ने घोषणा की है कि राज्य के मूल निवासी पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में हॉरिजेंटल रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा. इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. यह फैसला युवाओं को सेना से लौटने के बाद बेहतर करियर अवसर देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि विभिन्न विभागों में अलग-अलग पदों पर पूर्व अग्निवीरों को निर्धारित प्रतिशत में आरक्षण मिलेगा. इसमें ग्रुप बी की नौकरियों में 1%, ग्रुप सी की नौकरियों में 5% और पुलिस कांस्टेबल (गृह विभाग) की भर्तियों में 20% तक का हॉरिजेंटल रिजर्वेशन शामिल है. वहीं वन विभाग में भी 10% पद पूर्व अग्निवीरों के लिए सुरक्षित रहेंगे.

भर्ती प्रक्रिया में विशेष छूट

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी पद के लिए उपयुक्त भूतपूर्व अग्निवीर उपलब्ध नहीं होता, तो वह पद संबंधित वर्टिकल रिजर्वेशन कैटेगरी से भरा जाएगा. साथ ही पुलिस कांस्टेबल, वन रक्षक, वार्डर और खनन रक्षक जैसे पदों पर भर्ती के दौरान पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट से छूट दी जाएगी.

परीक्षा प्रक्रिया में राहत

पूर्व अग्निवीरों को उनकी ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त कौशल से संबंधित परीक्षाओं से छूट मिलेगी. हालांकि, उन्हें भर्ती एजेंसी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा देनी अनिवार्य होगी. यह प्रावधान हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ओर से जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में लागू रहेगा.

हरियाणा सरकार की मानें तो यह निर्णय न केवल पूर्व अग्निवीरों को रोजगार के नए अवसर देगा, बल्कि युवाओं में सेना जॉइन करने का उत्साह भी बढ़ाएगा. यह कदम सामाजिक सुरक्षा और सैनिकों के सम्मान दोनों को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है.