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छिपकली के प्राइवेट पार्ट बेचता था ज्योतिषाचार्य, चोरी-छिपे चला रहा था काला कारोबार; छापे में हुआ खुलासा

हरियाणा के फरीदाबाद में एक फर्जी ज्योतिष यज्ञ दत्त तांत्रिक अनुष्ठानों के नाम पर छिपकली के प्राइवेट पार्ट्स और दुर्लभ मूंगे बेचता पकड़ा गया. वह अपने ज्योतिष केंद्र और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से ये प्रतिबंधित वस्तुएं बेचता था. मामला सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है.

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Edited By: Princy Sharma
Astrologer Selling Private Parts of Lizard
Courtesy: Pinterest

Astrologer Selling Private Parts of Lizard: हरियाणा के फरीदाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है.यहां एक स्वयंभू ज्योतिष, जो खुद को आध्यात्मिक उपचार का जानकार बताता था, छिपकली के प्राइवेट पार्ट्स और दुर्लभ मूंगे (कोरल) की तस्करी कर रहा था.यह सब कुछ तंत्र-मंत्र और गुप्त अनुष्ठानों के नाम पर किया जा रहा था.आरोपी की पहचान 38 साल के यज्ञ दत्त के रूप में हुई है, जो सेक्टर-8 में अपना ज्योतिष केंद्र चला रहा था.

जानकारी के अनुसार, आरोपी यज्ञ दत्त अपने ज्योतिष कार्यालय और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए इन प्रतिबंधित वस्तुओं को बेचता था.उसकी दुकान में तांत्रिक इलाज के नाम पर मॉनिटर लिजर्ड (बड़ी छिपकली) के जननांग के सूखे टुकड़े और सॉफ्ट मूंगे (soft coral) जैसी दुर्लभ चीजें बेची जा रही थीं.ये सामान कथित तौर पर तांत्रिक अनुष्ठानों और 'गुप्त शक्तियों' को पाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.

गुप्त ऑपरेशन में हुआ खुलासा

हरियाणा वन विभाग, पुलिस, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से छापा मारकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा. छापे के दौरान आरोपी के पास से मॉनिटर लिजर्ड के प्राइवेट पार्ट्स के तीन टुकड़े और सॉफ्ट कोरल के पांच टुकड़े बरामद किए गए.

गंभीर जुर्म और सजा

बता दें कि मॉनिटर लिजर्ड वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में शामिल प्रजाति है, जिसे सर्वोच्च कानूनी सुरक्षा प्राप्त है.इसके अंगों का व्यापार या संग्रह सख्त अपराध माना जाता है. अगर आरोपी दोषी पाया जाता है तो उसे 3 से 7 साल की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है.

अब खरीददारों की हो रही है तलाश

गुरुग्राम के प्रभागीय वन अधिकारी आरके जांगड़ा ने बताया कि इस केस से साफ हो गया है कि गुप्त तांत्रिक बाजार में काले कारोबार की गहरी जड़ें हैं.फिलहाल अधिकारियों ने मामले की जांच तेज कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन वस्तुओं को खरीदने वाले लोग कौन हैं और यह नेटवर्क कितनी दूर तक फैला है.