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India Daily

'मिश्रा, सिंह, झा और शर्मा की...', RJD विधायक के बयान से मचा सियासी बवाल; तेजस्वी यादव की बढ़ी टेंशन!

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, बयानबाज़ी तेज हो गई है. आरजेडी विधायक मुन्ना यादव के बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब 'मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा' जैसे सवर्णों का राजनीति में भविष्य नहीं है, सीएम की कुर्सी अब सिर्फ बहुजनों के लिए है.

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Edited By: Princy Sharma
RJD MLA Munna Yadav
Courtesy: Pinterest

RJD MLA Munna Yadav: बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. इस बार सुर्खियों में हैं आरजेडी के विधायक मुन्ना यादव, जिन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में मुन्ना यादव ने कहा कि अब बिहार में 'मिश्रा, सिंह, झा और शर्मा' जैसे अपर कास्ट टाइटल वालों का कोई भविष्य नहीं बचा है. उन्होंने दावा किया कि लालू यादव ने ऐसी राजनीति की नींव रख दी है, जहां अब सत्ता पर सिर्फ बहुजन समाज का हक रहेगा. मुन्ना बोले, 'ये लोग अब फ्रंटफुट पर राजनीति नहीं कर सकते, अब सीएम की कुर्सी बहुजनों की होगी.'

'सवर्णों की राजनीति खत्म हो गई है'

मुन्ना यादव ने यह भी कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि फिर से जगन्नाथ मिश्रा जैसे नेताओं की सरकार बने, लेकिन अब वो दिन लद गए. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, 'अगर औकात है, तो मुट्ठी भर लोगों को आगे कर चुनाव लड़कर दिखाएं, मिट्टी पलीद हो जाएगी.' उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसीलिए सवर्ण वर्ग (upper caster) लालू यादव से नाराज है.

प्रशांत किशोर पर भी तीखा हमला

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर भी उन्होंने तीखा हमला बोला. मुन्ना ने कहा कि प्रशांत किशोर हमारे नेता तेजस्वी यादव को ‘नौवीं फेल’ कहते हैं, जबकि असल में वह मिश्रा राज की वापसी चाहते हैं, जो अब नामुमकिन है.'

विवादों से पुराना नाता

यह पहली बार नहीं है जब मुन्ना यादव ने विवादित बयान दिया हो. हाल ही में रमजान के दौरान उन्होंने खुद को 'मोहम्मद मुन्ना' कहकर भी चर्चा बटोरी थी. उनकी छवि एक दबंग नेता की है और उन पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. वे 2015 और 2020 में आरजेडी से मीनापुर सीट से विधायक रह चुके हैं.

राजनीतिक नुकसान की आशंका

चुनाव से पहले आया यह बयान सामाजिक तनाव बढ़ा सकता है और राजनीतिक रूप से तेजस्वी यादव की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. RJD के अंदरखाने में भी इस बयान को लेकर असहजता महसूस की जा रही है, क्योंकि पार्टी फिलहाल सभी वर्गों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है.