Saif Ali Khan Stabbing Case: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमले के आरोपी शरीफुल फकीर ने मुंबई सेशन कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की है. फकीर ने दावा किया है कि उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) पूरी तरह से 'मनगढ़ंत' और बिना सबूतों के आधार पर तैयार की गई है. यह मामला जनवरी 2025 में सैफ के बांद्रा स्थित आवास पर हुए कथित हमले से जुड़ा है, जिसने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं. आइए इस मामले की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं.
शरीफुल फकीर ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है जो उसे इस अपराध से जोड़ता हो. याचिका में दावा किया गया है, 'जांच एजेंसी ने शुरुआत में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक दूसरे व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसी फुटेज का उपयोग कर सुविधानुसार मुझे गिरफ्तार कर लिया.'
फकीर के वकील विपुल दुशिंग और अजय गवली ने तर्क दिया कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड सहित सभी जरुरी सबूत पहले ही पुलिस के पास हैं, और फकीर का हिरासत में रहना अब केवल 'पूर्व-परीक्षण सजा' के समान है. उन्होंने यह भी कहा कि फकीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने का कोई खतरा नहीं है.
मुंबई पुलिस के अनुसार, 16 जनवरी 2025 की आधी रात को शरीफुल फकीर ने सैफ अली खान के बांद्रा स्थित 12वें माले के अपार्टमेंट में बाथरूम के रास्ते घुसपैठ की थी. शिकायतकर्ता, सैफ के घर की एक स्टाफ नर्स, ने बताया कि फकीर सैफ के छोटे बेटे जहांगीर के बेडरूम में घुस गया था, लेकिन नर्स ने उसे रोक दिया. इसके बाद फकीर ने नर्स पर हमला किया और ₹1 करोड़ की उगाही की मांग की. जब सैफ बीच में आए, तो फकीर ने उन पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे सैफ को हाथ, गर्दन और पीठ पर गंभीर चोटें आईं. सैफ को तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी दो आपातकालीन सर्जरी हुईं. पांच दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली. इस दौरान फकीर मौके से भाग निकला, लेकिन 19 जनवरी को ठाणे के एक जंगल से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
मुंबई पुलिस ने फकीर की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है. अप्रैल 2025 में हुई सुनवाई में पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें दावा किया गया कि हमले में इस्तेमाल चाकू के टुकड़े, जो सैफ की रीढ़ से निकाले गए, अपराध स्थल पर मिले टुकड़ों और फकीर के पास से बरामद हथियार से मेल खाते हैं. पुलिस ने यह भी कहा कि फकीर एक बांग्लादेशी नागरिक है, जो अवैध रूप से भारत में रह रहा था, और उसे जमानत देने से वह बांग्लादेश भाग सकता है. पुलिस ने चेतावनी दी कि फकीर के रिहा होने से गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ का खतरा है.