Bulldozer Action: चंडीगढ़ को स्लम फ्री बनाने के लिए प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई की है. वीरवार को सेक्टर 53-54 की आदर्श कॉलोनी में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया, जिसमें करीब 12 एकड़ सरकारी जमीन को खाली कराया गया. यह जमीन कई वर्षों से गरीबों द्वारा अवैध रूप से काबिज की गई थी, जहां वह अपनी छोटी-छोटी झोपड़ियों में रहते थे. प्रशासन का कहना है कि यह सरकारी संपत्ति थी और अवैध कब्जा हटाना जरूरी था.
सुबह होते ही 1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी, जेसीबी मशीनों, डंपरों और एंबुलेंस की तैनाती ने साफ कर दिया कि प्रशासन किसी भी विरोध से निपटने के लिए तैयार था. जब बुलडोजर झोपड़ियों पर चला, तो वहां रहने वाले लोग चुपचाप अपने टूटते आशियानों को देखते रहे. कुछ लोग आंसुओं से भरे हुए थे, तो कुछ दिल में टीस लेकर यह सब देख रहे थे. उनका सारा सामान पल भर में मिट्टी में मिल गया.
इस बीच, एक झोपड़ी में अचानक आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई. गनीमत रही कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह छोटी सी आग उस बड़े दुख का प्रतीक बन गई, जो इन गरीब परिवारों के दिलों में जल रहा था.
सबसे भावुक दृश्य तब देखने को मिला, जब एक बूढ़ी महिला व्हील चेयर पर बैठी, जिनके हाथ-पांव ठीक से काम नहीं करते थे, अपने घर को टूटते हुए देख रोने लगीं. उन्होंने बताया कि उनके पति भी विकलांग हैं और अब उनका कोई ठिकाना नहीं बचा है. यह दृश्य दिल को छूने वाला था, जब कई परिवारों को अपने जीवन के सालों के संघर्ष के बाद, सड़क पर आकर रहना पड़ा.
चंडीगढ़ के डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ जमीन खाली कराने के लिए नहीं, बल्कि शहर के सुनियोजित विकास और कानून का शासन बनाए रखने के लिए की गई है. उन्होंने अतिक्रमण पर सख्ती को जरूरी बताते हुए कहा कि इससे शहर का विकास और व्यवस्था बेहतर होगी.