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पत्नी से हुआ विवाद तो लड़की के साथ लिव इन में रहने लगा शख्स, दो बच्चों के बाद कहा 'गलती हो गई....'

साल 2014 में पत्नी विवाद के बाद अपने पति को छोड़कर मायके चली गई. उसी दौरान, 2017 में युवक की मां को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा. इस मुश्किल समय में युवक की जिंदगी में एक नया मोड़ आया. साल 2018 में वह राजस्थान की एक युवती के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगा.

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Edited By: Antima Pal
Haryana News
Courtesy: social media

Haryana News: फरीदाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां लिव इन रिलेशनशिप में रह रही एक महिला को उसके पार्टनर ने दो बच्चों के जन्म के बाद घर से निकाल दिया. इस घटना ने न केवल रिश्तों की नाजुकता को उजागर किया, बल्कि समाज में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कई सवाल भी खड़े किए हैं.

पत्नी से हुआ विवाद तो लड़की के साथ लिव इन में रहने लगा शख्स

बात शुरू होती है फरीदाबाद के एक युवक से, जिसकी शादी पहले से हो चुकी थी. साल 2014 में पत्नी विवाद के बाद अपने पति को छोड़कर मायके चली गई. उसी दौरान, 2017 में युवक की मां को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा. इस मुश्किल समय में युवक की जिंदगी में एक नया मोड़ आया. साल 2018 में वह राजस्थान की एक युवती के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगा. दोनों ने साथ मिलकर जिंदगी बितानी शुरू की और चार साल के इस रिश्ते में उनके दो बच्चे भी हुए.

दो बच्चों के बाद कहा 'गलती हो गई....'

लेकिन कहानी में तब नाटकीय मोड़ आया, जब युवक की पहली पत्नी साल 2025 में वापस लौट आई. पहली पत्नी के आने के बाद युवक ने अपनी लिव इन पार्टनर को घर छोड़ने के लिए कह दिया. उसने महिला से कहा, "यह सब एक गलती थी, अब तुम चली जाओ." इस बात से महिला सदमे में है, क्योंकि उसने चार साल तक इस रिश्ते को पूरे दिल से निभाया और दो बच्चों को जन्म दिया. अब वह अपने बच्चों के साथ बिना किसी सहारे के सड़क पर है.

बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अभी और जागरूकता की जरूरत

यह मामला न केवल व्यक्तिगत रिश्तों की जटिलता को दर्शाता है, बल्कि लिव इन रिलेशनशिप की कानूनी और सामाजिक स्थिति पर भी सवाल उठाता है. भारत में लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता तो मिली है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अभी और जागरूकता की जरूरत है. इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी चर्चा छेड़ दी है. कुछ लोग इसे पुरुष की गैर-जिम्मेदारी मान रहे हैं, तो कुछ समाज की सोच पर सवाल उठा रहे हैं.