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हरियाणा में मानसून पकड़ेगी रफ्तार, इन जिलों में होगी झमाझम बरसात; पढें अगले 5 दिन का वेदर अपडेट

आज शनिवार को हरियाणा के तीन जिलों फरीदाबाद, नूंह और पलवल में भारी बारिश हो सकती है. इन जिलों में बादल जमकर बरस सकते हैं. वहीं, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार और भिवानी जैसे जिलों में 0 से 25% तक हल्की बारिश की संभावना है.

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Edited By: Princy Sharma
Haryana Weather
Courtesy: Pinterest

Haryana Weather: हरियाणा में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ने को तैयार है. अगले तीन दिनों के दौरान राज्य के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने खासतौर पर कुछ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

शनिवार को हरियाणा के तीन जिलों – फरीदाबाद, नूंह और पलवल में भारी बारिश हो सकती है. इन जिलों में बादल जमकर बरस सकते हैं. वहीं, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार और भिवानी जैसे जिलों में 0 से 25% तक हल्की बारिश की संभावना है.

वहीं पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुरुग्राम में 25 से 50% तक बारिश हो सकती है. यानी इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं और बादलों की गड़गड़ाहट भी संभव है.

11 अगस्त (रविवार) 

रविवार को बारिश थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन फिर भी कुछ इलाकों में हल्की फुहारें पड़ने के आसार बने हुए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, इस दिन राज्य के ज्यादातर जिलों में 0 से 25% या 25 से 50% तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.लेकिन ध्यान दें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, नूंह और पलवल में 50 से 75% तक तेज बारिश की संभावना जताई गई है. यहां भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्क किया गया है.

12 अगस्त (सोमवार) 

सोमवार को मौसम फिर करवट ले सकता है. हालांकि सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, जिंद, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में 0 से 25% बारिश की ही संभावना है, लेकिन पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, हिसार और रेवाड़ी में 25 से 50% तक अच्छी बारिश हो सकती है.

क्या करें और क्या न करें?

भारी बारिश वाले जिलों में रहने वाले लोग घर से निकलते समय छाता या रेनकोट जरूर रखें. निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है, सावधानी से वाहन चलाएं. किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि खुली फसल और सिंचाई व्यवस्था की सुरक्षा सुनिश्चित करें.