Yamuna Water Level: राजधानी दिल्ली इस समय बाढ़ जैसी भीषण आपदा से गुजर रही है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है और इसका असर प्रशासनिक व्यवस्था और आम लोगों के जीवन पर साफ दिख रहा है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि दिल्ली सचिवालय तक पानी पहुंच गया है और राहत शिविर भी जलमग्न हो गए हैं.
यमुना फ्लड प्लेन से सटे दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में पानी भर चुका है. यहां से निकलने वाला पानी सीधे सचिवालय परिसर की ओर बढ़ रहा है. प्रशासन ने पानी की निकासी के लिए सक्शन पाइप्स लगाए हैं, लेकिन जलभराव लगातार बढ़ रहा है. वहीं, कश्मीरी गेट इलाके में भी पानी भर गया है और बस टर्मिनल पूरी तरह जलमग्न हो चुका है.
दिल्ली का सबसे व्यस्त इलाका आईटीओ चौराहा भी बाढ़ की चपेट में आ गया है. बुधवार को राजघाट की ओर जाने वाला रास्ता प्रशासन ने बंद कर दिया था. रिंग रोड के पास स्थित सरकारी दफ्तरों के बाहर पानी भरने से अफरा-तफरी का माहौल है. सीवेज का पानी भी सड़कों पर बह रहा है, जिससे आमजन को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
#WATCH | Delhi | A portion of the flyover on National Highway 44 under the Alipur police station area caved in following heavy rains. pic.twitter.com/za3L1jKwdG
— ANI (@ANI) September 4, 2025Also Read
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बारिश और बाढ़ ने दिल्ली के बुनियादी ढांचे पर भी करारा असर डाला है. एनएच-44 पर अलीपुर के पास फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया. हादसे में एक थ्री-व्हीलर फंस गया और उसका चालक घायल हो गया. स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रैफिक जल्द रोका नहीं गया तो बड़ा हादसा हो सकता है, क्योंकि फ्लाईओवर के नीचे की मिट्टी लगातार कट रही है.
हालात और गंभीर तब हो गए, जब मयूर विहार फेज-1 में बनाए गए राहत कैंप भी पानी में डूब गए. यहां शरण लिए लोगों को दोहरी मुसीबत झेलनी पड़ रही है. एक तरफ घरों से बेघर होना और दूसरी तरफ राहत शिविरों में भी सुरक्षित जगह का न मिलना.
बुधवार तड़के तक यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर पर स्थिर था, जो कि खतरे के निशान (205.33 मीटर) से कहीं ऊपर है. प्रशासन ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. हालांकि, अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों की स्थिति और बिगड़ सकती है.