Delhi School Bomb Threat: दिल्ली में एक बार फिर से 50 से ज्यादा स्कूलों को बम की घमकी मिली है. ये धमकी ई-मेल के माध्यम से दी गई है. इससे ठीक दो दिन पहले राजधानी के 32 स्कूलों को इसी तरह से निशाना बनाया गया था. आज बुधवार सुबह 50 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी से दहशत का माहौल बन गया है. सोमवार को, दिल्ली अग्निशमन सेवा ने बताया कि उन्हें सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:25 बजे के बीच 32 स्कूलों से फोन आए, जब उनके इनबॉक्स में धमकी भरे ईमेल मिले.
इनमें से ज्यादातर स्कूल द्वारका के थे, जिनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल, बीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, श्री वेंकटेश्वर स्कूल, ग्लोबल स्कूल और कई अन्य शामिल थे. डीपीएस द्वारका ने तो बच्चों को घर वापस भेज दिया और पूरे दिन के लिए स्कूल बंद करने की घोषणा कर दी.
पुलिस ने बम निरोधक दस्तों और डॉग स्क्वॉड सहित कई टीमों को हर परिसर में तैनात किया था. अधिकारियों द्वारा सब कुछ साफ घोषित करने से पहले गहन तलाशी ली गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'तलाशी अभियान पूरा हो गया है और कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.' उन्होंने आगे कहा कि साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ अब ईमेल के पीछे के आईपी एड्रेस का पता लगा रहे हैं.
#WATCH | Delhi: Visuals from outside Andhra Education Society (AES) in Prasad Nagar, Karol Bagh which is one of the schools in the city which have received bomb threats. pic.twitter.com/S8nKB9tqWY
— ANI (@ANI) August 20, 2025
सोमवार की इस धमकी का पैमाना अभूतपूर्व था, लेकिन यह कोई अनोखी बात नहीं थी. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी से अब तक दिल्ली-एनसीआर के कम से कम 74 शैक्षणिक संस्थानों, 70 स्कूलों और चार कॉलेजों को बम की धमकियां मिल चुकी हैं.
अकेले जुलाई में ही, रोहिणी, पीतमपुरा, पश्चिम विहार, दक्षिणी दिल्ली और मध्य दिल्ली के लगभग 50 स्कूलों को समन्वित ईमेल की बाढ़ में निशाना बनाया गया, जिससे स्कूलों को खाली कराना पड़ा. हिंदू कॉलेज, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स और आईपी कॉलेज फॉर विमेन जैसे कॉलेज भी प्रभावित हुए.
#UPDATE | More than 50 schools have received bomb threats via email: Delhi Police
— ANI (@ANI) August 20, 2025
पुलिस ने पिछले महीने सेंट स्टीफंस कॉलेज और सेंट थॉमस स्कूल को धमकियां भेजने के आरोप में एक 12 साल के लड़के को भी हिरासत में लिया था. काउंसलिंग के बाद उसे रिहा कर दिया गया. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इनमें से अधिकतर मामले फर्जी निकले हैं, लेकिन प्रत्येक मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से कहा, 'भले ही ये शरारतें हों, लेकिन इनसे छात्रों और अभिभावकों में दहशत फैलती है. हम जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए हर सुराग की जांच कर रहे हैं.'