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दिल्ली धमाके के आरोपी डॉ. उमर नबी की थी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर भीषण ब्लास्ट की प्लानिंग

दिल्ली के लाल किले विस्फोट की जांच में खुलासा हुआ है कि पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी) के आसपास बड़ा धमाका करने की साजिश रच रहा था। वह फरीदाबाद स्थित जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का मुख्य सदस्य था.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Red Fort blast Umar Nabi India Daily
Courtesy: X

नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के पास हुए घातक विस्फोट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, विस्फोटकों से भरी कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली धमाका करने की योजना बनाई थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद में पकड़े गए ‘सफेदपोश’ जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकी मॉड्यूल से जुड़े आठ लोगों से पूछताछ के बाद यह साजिश सामने आई. जांचकर्ताओं ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी 28 वर्षीय डॉक्टर उमर इस मॉड्यूल का मुख्य सदस्य था.

साथी की गिरफ्तारी से घबराया उमर

माना जा रहा है कि सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट में उमर की मौत हो गई, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी. जांच में पता चला कि उमर की योजना तब विफल हो गई जब उसके साथी और फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षक डॉ. मुजम्मिल शकील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शकील के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था. इसी के बाद उमर घबरा गया और कथित तौर पर विस्फोटकों से लदी हुंडई i20 कार को लाल किले के पास उड़ा दिया.

मेधावी छात्र से कट्टरपंथ की राह पर चलने तक का सफर

अधिकारियों का कहना है कि उमर एक मेधावी लेकिन एकांतप्रिय छात्र था. वर्ष 2021 में डॉ. शकील के साथ तुर्की यात्रा के बाद उसने कट्टरपंथ की राह पकड़ ली. वहां दोनों जैश-ए-मोहम्मद के कार्यकर्ताओं के संपर्क में आए थे. भारत लौटने के बाद उमर ने अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसी सामग्री जुटानी शुरू की और कथित रूप से एक वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIED) तैयार करने में जुट गया.

10 नवंबर को फरीदाबाद पुलिस द्वारा 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए जाने की खबर से वह घबरा गया. बताया जा रहा है कि उसने दिल्ली के चारदीवारी क्षेत्र की एक मस्जिद में शरण ली थी, जहां अधूरा विस्फोटक यंत्र समय से पहले ही फट गया. अधिकारियों ने बताया कि डिवाइस में धातु के छर्रे अभी तक लगाए नहीं गए थे.

अब तक गिरफ्तार आठ आरोपियों में से सात कश्मीर के हैं. आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (नौगाम, श्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा (गंदरबल), डॉ. मुजम्मिल शकील (पुलवामा) और डॉ. आदिल (कुलगाम). आठवां आरोपी, डॉ. शाहीन सईद, लखनऊ का निवासी है.

हमले के बाद छिपने की तैयारी में था आरोपी

जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर 26 अक्टूबर को कश्मीर गया था और परिवार से मिलकर लौटने से पहले उसने कहा था कि वह तीन महीनों तक संपर्क में नहीं रहेगा, जिससे साफ होता है कि वह हमले के बाद छिपने की तैयारी कर रहा था.

इस पूरे नेटवर्क का खुलासा तब हुआ जब श्रीनगर पुलिस ने 19 अक्टूबर को शहर में लगे जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टरों की जांच शुरू की. इसी जांच से डॉ. शकील की गिरफ्तारी हुई और ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया.