दिल्ली न्यूज: दक्षिणी दिल्ली के सरिता विहार थाना क्षेत्र के आली गांव में शुक्रवार को एक सनसनीखेज घटना ने स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया. MCD कर्मचारी रघुराज सिंह पर दिनदहाड़े लोहे की रॉड से हमला हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश के चलते साजिशन यह हमला किया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि घायल रघुराज का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
24 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे रघुराज सिंह अपने घर से कार में कार्यालय जा रहे थे. आली एक्सटेंशन के पास मथुरा रोड पर मोहित उर्फ पोली और उसका एक साथी बाइक से आए. दोनों ने कार रोकी, विंडशील्ड तोड़ा और रघुराज पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ हमला किया. उनके हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आईं. हमलावर मौके से फरार हो गए, जबकि रघुराज को उनके करीबी ने अस्पताल पहुंचाया.
पुरानी रंजिश का बदला
पुलिस जांच में सामने आया कि हमलावर मोहित भी आली गांव का निवासी है. करीब दो साल पहले उसने आली एक्सटेंशन में एक प्लॉट खरीदा और उस पर निर्माण कराया था. पिछले महीने डीडीए ने उसके प्लॉट पर तोड़फोड़ की थी. मोहित को शक था कि रघुराज ने इसकी शिकायत की थी. इसी रंजिश में उसने अपने साथी के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सरिता विहार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. मोहित और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. प्रारंभिक जांच में रंजिश की पुष्टि हुई है, लेकिन पुलिस अन्य संभावित कारणों की भी पड़ताल कर रही है. स्थानीय लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज की जांच भी जारी है.
रघुराज सिंह का अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. उनके परिवार में उनकी पत्नी और भाई शामिल हैं, जो कांग्रेस नेता और निगम पार्षद पद के प्रत्याशी रह चुके हैं. परिवार ने पुलिस से हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. रघुराज ने बताया कि हमले के पीछे और लोग भी हो सकते हैं, जिसकी जांच की मांग की गई है.
इस घटना ने आली गांव और आसपास के इलाकों में दहशत फैला दी है. दिनदहाड़े हुए इस हमले ने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. स्थानीय लोग पुलिस से इलाके में गश्त बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस घटना को और चर्चा में ला दिया है, जिससे प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है.