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पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर RPF की तत्परता से बची मासूम की जान, परिवार ने जताया आभार

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर RPF की तत्परता उस समय देखने को मिली, जब एक बीमार बच्चे को अविलंब चिकत्सीय सहायता उपलब्ध कराई गई, जिससे उस बच्चे की जान बच गयी. RPF की इस कार्य की अब सराहना हो रही है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
RPF prompt action saved the life of an innocent child
Courtesy: Pankaj Rai

नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी के दौरान एक आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर की त्वरित सूझबूझ और मानवीय संवेदनशीलता ने एक बच्चे की जान बचा ली. यह घटना प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर उस समय घटी जब जालंधर जाने वाली ट्रेन में सवार एक परिवार का छोटा बच्चा अचानक बीमार हो गया.

जानकारी के अनुसार, ट्रेन नंबर 04651 में यात्री अनुज यादव अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे थे. यात्रा के दौरान उनके छोटे बेटे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. बच्चा सीट नंबर 63, कोच B-3 में बैठा था. बच्चे की हालत तेजी से बिगड़ती देख परिजनों ने तुरंत सहायता के लिए आसपास के यात्रियों से मदद मांगी. इसी बीच प्लेटफॉर्म पर तैनात रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की ‘ई’ कंपनी, 4वीं बटालियन के सब-इंस्पेक्टर अमरज्योति दास को स्थिति की जानकारी दी गई.

आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर ने बिना समय गंवाए की सहायता

सब-इंस्पेक्टर दास ने बिना समय गंवाए तत्काल कार्रवाई की. उन्होंने तुरंत रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध चिकित्सा सहायता को बुलाया और बच्चे को प्राथमिक उपचार दिलवाया. मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने बच्चे की जांच कर उसे आवश्यक दवाएं दीं. त्वरित चिकित्सा और अमरज्योति दास की तत्परता के कारण बच्चे की हालत जल्द स्थिर हो गई.

परिवार ने जताया आभार

परिवार ने आरपीएफ अधिकारी और रेलवे प्रशासन का आभार जताया. बच्चे के पिता अनुज यादव ने कहा कि अगर सब-इंस्पेक्टर दास समय पर मदद न करते तो न जाने क्या हो जाता. उन्होंने हमारे परिवार के लिए फरिश्ते की तरह काम किया.

घटना की सूचना मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सब-इंस्पेक्टर अमरज्योति दास की सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की. अधिकारियों ने बताया कि ऐसे उदाहरण यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे में जनता के विश्वास को और मजबूत बनाते हैं.

आपात स्थिति में यात्रियों की सहयता के लिए तत्पर RPF

आरपीएफ की भूमिका केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, वे हर आपात स्थिति में यात्रियों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं. इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि रेलवे सुरक्षा बल न केवल अनुशासन और सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता का भी परिचायक है.

समय पर मदद मिलने के बाद बच्चा अब पूरी तरह सुरक्षित है, और ट्रेन जालंधर के लिए निर्धारित समय पर रवाना हो गई. इस घटना ने दिखा दिया कि जब ड्यूटी के साथ मानवीय संवेदना जुड़ जाती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है.

इनपुट: पंकज राय