बीजेपी सरकार द्वारा दिल्ली में मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों के लिए लेटेस्ट वर्जन के मोबाइल फोन खरीदने के प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. विधायक अनिल झा ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए सरकार की नीतियों को गरीब विरोधी और दिखावटी बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग पानी, पेंशन, रोजगार और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि सरकार मंत्रियों के लिए नई कार, सिक्योरिटी और महंगे मोबाइल खरीदने में लगी है.
अनिल झा ने कहा कि जब कोई पार्टी सत्ता में आती है, तो धीरे-धीरे सत्ता की चमक उसके उद्देश्य को धुंधला कर देती है. दिल्ली की बीजेपी सरकार इसका जीता-जागता उदाहरण बन चुकी है. झा ने आरोप लगाया कि सरकार "अकाल में उत्सव" जैसा व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि 1 लाख करोड़ के बजट के बावजूद महिलाओं को 2,500 रुपये देने का वादा, बेरोजगारों को नौकरी, छात्राओं को लैपटॉप और बुजुर्गों को पेंशन जैसी घोषणाएं अभी तक अधूरी हैं. उल्टा, 80 हजार महिलाओं की पेंशन बंद कर दी गई और विधवाओं की सहायता भी काटी गई.
उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है. कई जगहों पर तोड़फोड़ शुरू हो चुकी है और लोग अपने घरों को लेकर डर में हैं. बीजेपी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठी है. "जहां झुग्गी वहीं मकान" का वादा लगभग फेल हो चुका है. लोगों के घरों की कोई गारंटी नहीं दी जा रही है, और सरकार इस बीच मोबाइल फोन खरीदने में व्यस्त है. झा ने कहा कि सरकार उन वादों को भूल चुकी है जो जनता से किए थे, और अब सिर्फ सत्ता का स्वाद चख रही है.
अनिल झा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिन वादों को नहीं किया था, उन्हें जरूर निभाया है. उन्होंने उदाहरण दिया कि माया महल और रंग महल जैसे आलीशान निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. अब मुख्यमंत्री को लेटेस्ट फोन दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसका दाम 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपये तक हो सकता है. सरकारी सर्कुलर में लिखा है कि सीएम चाहें तो हर दो साल में नया फोन ले सकती हैं. वहीं मंत्रीगण भी इस योजना में शामिल होंगे.
“आप” विधायक ने दिल्ली जल बोर्ड की बदहाली को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों में लोग प्यासे भटक रहे हैं, कई जगह 4 दिन में सिर्फ 2 घंटे ही पानी आता है. सरकारी स्कूलों की हालत भी दयनीय है, जिनका संचालन शुरू कराने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है. पिछली सरकारों के बनाए स्कूलों में एडमिशन, बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही. इस बीच मुख्यमंत्री के पास 140 से अधिक स्टाफ, दर्जनों सिक्योरिटी गार्ड और लक्ज़री कारों की सुविधा है.
अनिल झा ने संघ की विचारधारा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या बीजेपी वाकई संघ की विचारधारा पर चल रही है? क्या 1.5 लाख के मोबाइल, रिमोट वाले पंखे, महंगे पर्दे और कमोड ही बीजेपी के मंत्रियों की प्राथमिकता है? उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा विपक्ष में रहते हुए फिजूलखर्ची के खिलाफ आवाज उठाती थी, वहीं अब सत्ता में आने के बाद खुद माया महल बना रही है. झा ने सरकार से मांग की कि पहले जनता को 2,500 रुपये पेंशन, बच्चियों को लैपटॉप, बेरोजगारों को नौकरी और झुग्गियों को मकान दीजिए, फिर मोबाइल खरीदिए.