राजधानी दिल्ली इन दिनों ठंड और प्रदूषण के दोहरे दबाव से जूझ रही है. पिछले कई दिनों से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है और हालात अब और चिंताजनक होने लगे हैं. शनिवार को दिल्ली के दस इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया जो हवा को गंभीर श्रेणी में रखता है. कोहरा, ठंड और कमजोर हवा के कारण प्रदूषण नीचे बैठने के बजाय वायुमंडल में ही जमा हो रहा है और लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना रहा है.
दिल्ली के लोग 14 अक्टूबर से लगातार प्रदूषित हवा का सामना कर रहे हैं. इस पूरे समय में हवा कभी खराब तो कभी अति खराब रही और कई बार गंभीर श्रेणी में भी पहुंच गई. मौसम के कई कारक मिलकर प्रदूषक कणों को लंबे समय तक वातावरण में रोक रहे हैं. इसके कारण खांसी, आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह मौसम और खतरनाक साबित हो सकता है.
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि शनिवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 369 दर्ज हुआ. यह स्तर हवा को अति खराब श्रेणी में रखता है. गुरुवार को यह सूचकांक 377 था यानी चौबीस घंटे में आठ अंकों का सुधार हुआ है. हालांकि यह सुधार काफी मामूली माना जा रहा है क्योंकि सुबह और रात के समय प्रदूषण फिर तेजी से बढ़ जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार सूर्य निकलने से पहले हवा की परत जमीन के बिल्कुल पास आ जाती है जिससे प्रदूषण और घना लगता है.
शनिवार की सुबह दिल्ली के कई हिस्सों में हल्का कोहरा दर्ज किया गया. मानक वेधशाला सफदरजंग में सुबह साढ़े सात बजे दृश्यता घटकर पांच सौ मीटर तक रह गई. कोहरे और प्रदूषण के मिश्रण ने हवा को और भारी बना दिया है. इससे सड़क और हवाई यातायात पर भी असर पड़ सकता है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में सुबह के समय कोहरा और बढ़ सकता है.
राजधानी में रात का तापमान लगातार सामान्य से नीचे जा रहा है. आसमान साफ रहने के कारण रात में तेजी से ठंड बढ़ रही है. सफदरजंग में शनिवार को न्यूनतम तापमान 8 दशमलव 1 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 2 दशमलव 2 डिग्री कम है. अधिकतम तापमान 25 दशमलव 9 डिग्री रहा जो सामान्य से 0 दशमलव 1 डिग्री कम है. नमी का स्तर 46 से 100 के बीच रहा जिससे सुबह और शाम दोनों समय ठंड और अधिक महसूस हुई.