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35 साल की ब्यूरोक्रेट को हुआ स्टेज-4 का लंग कैंसर, कभी नहीं किया था धूम्रपान; डॉक्टर ने दिल्ली वालों को दी चेतावनी

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने एक और गंभीर मामला सामने ला दिया है. नीति आयोग की 35 वर्षीय अधिकारी उर्वशी प्रसाद को बिना धूम्रपान के स्टेज-4 लंग कैंसर हो गया, जिससे विशेषज्ञों ने प्रदूषण को बड़ा कारण बताया है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: grok

दिल्ली की जहरीली हवा ने एक बार फिर लोगों को चेतावनी देने वाला बड़ा हादसा सामने रखा है. नीति आयोग में कार्यरत 35 वर्षीय उर्वशी प्रसाद को स्टेज-4 फेफड़ों के कैंसर का पता चला, जबकि उन्होंने कभी धूम्रपान तक नहीं किया. 

डॉक्टरों ने साफ कहा कि यह बीमारी अब सिर्फ स्मोकर्स की नहीं रही, बल्कि प्रदूषण उससे भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इस घटना ने दिल्ली की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर नई चिंता को जन्म दिया है.

दिल्ली की हवा बनी जानलेवा

उर्वशी प्रसाद की अचानक बिगड़ी सेहत ने डॉक्टरों को भी चौंका दिया. पूरी तरह स्वस्थ जीवनशैली जीने वाली उर्वशी ने कभी सिगरेट नहीं पी और न ही सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में रहीं. जब डॉक्टरों ने कैंसर की स्टेज-4 की पुष्टि की, तो उन्हें भी समझ नहीं आया कि यह कैसे हुआ. जांचों में स्पष्ट हुआ कि सबसे बड़ा कारण दिल्ली की प्रदूषित हवा है.

डॉक्टरों ने जताई गहरी चिंता

सर गंगा राम अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के चेयरपर्सन डॉ. चिंतामणि ने बताया कि उनके 70% लंग कैंसर मरीज नॉन-स्मोकर्स हैं. उन्होंने कहा कि अब महिलाओं में भी फेफड़ों के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यह धारणा टूट रही है कि यह बीमारी सिर्फ पुरुषों या स्मोकर्स में होती है.

कम उम्र में बढ़ते केस चौंकाने वाले

मेदांता अस्पताल के चेस्ट सर्जरी इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि अब लंग कैंसर केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं है. उन्होंने 24 साल की उम्र के मरीज का भी ऑपरेशन किया है. उनका कहना है कि पुरुष-महिला अनुपात अब लगभग बराबर है, जो गंभीर संकेत है.

वायु प्रदूषण बन रहा बड़ा कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि हवा में मौजूद जहरीले कण धूम्रपान के प्रभाव को भी पीछे छोड़ रहे हैं. डॉ. अरविंद के अनुसार, लंबे समय तक दिल्ली की हवा में सांस लेना सीधे तौर पर फेफड़ों को उतना ही नुकसान पहुंचाता है जितना नियमित धूम्रपान. यह खतरा समय के साथ बढ़कर जानलेवा रूप ले रहा है.

दिल्ली का बदलता कैंसर प्रोफाइल

सर गंगा राम अस्पताल की 30 साल की स्टडी बताती है कि 1998 में 90% लंग कैंसर मरीज स्मोकर्स थे, जबकि 2018 तक यह संख्या उलट गई और अब 50-70% मरीज नॉन-स्मोकर्स हैं. 2015 में 63,700 और 2025 में 81,200 नए मामलों के साथ यह खतरा तेजी से बढ़ रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका मुख्य कारण दिल्ली-एनसीआर की खराब होती वायु गुणवत्ता है.