नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है और अब राजधानी में हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं. प्रदूषण के बढ़ते स्तर से परेशान लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं. रविवार को बड़ी संख्या में नागरिक इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की.
वही विरोध प्रदर्शन को लेकर नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि इंडिया गेट कोई विरोध स्थल नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, नई दिल्ली में निर्धारित विरोध स्थल जंतर-मंतर है. इसलिए हमने सभी को दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.
#WATCH | Delhi | New Delhi DCP Devesh Kumar Mahla says, "India Gate is not a protest site. The designated protest site in New Delhi is Jantar Mantar, as per the Supreme Court's directions... That is why we have advised everyone to follow the guidelines..." https://t.co/TLtClPblVp pic.twitter.com/dhbR2W0Hzq
— ANI (@ANI) November 9, 2025Also Read
लगातार बढ़ते एयर पॉल्यूशन को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. वहीं पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. इंडिया गेट के आस-पास का इलाका पूरी तरह से घेर लिया गया है और कर्तव्य पथ को आम लोगों और पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है.
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि दिल्ली की हवा अब सांस लेने लायक नहीं रह गई है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 से भी ज्यादा दर्ज किया गया है, जो बेहद खतरनाक स्तर है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब हालात इतने गंभीर हैं, तब भी सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे निजी मॉनिटर दिखा रहे हैं कि कई जगहों पर एक्यूआई 999 से ऊपर चला गया है. लेकिन अधिकारी केवल दिखावटी मीटिंग और बयानबाजी में लगे हैं. वे जनता की आवाज उठाने वालों को रोकने में जुटे हैं, जबकि हमें सिर्फ सांस लेने का अधिकार चाहिए.
लोगों ने कहा कि पिछले 15 दिनों में न तो लॉकडाउन जैसी कोई घोषणा हुई है और न ही प्रदूषण रोकने के लिए किसी ठोस योजना की शुरुआत. केवल 'क्लाउड सीडिंग' और 'वायु शोधक टावर' जैसी बातों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की कि प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत आपातकालीन कदम उठाए जाएं, जैसे निर्माण कार्य पर रोक, स्कूलों की छुट्टी, वाहनों की संख्या पर नियंत्रण और हवा को साफ करने के लिए वास्तविक कार्रवाई.
लोगों का कहना है कि यह किसी राजनीतिक मुद्दे की लड़ाई नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन और स्वास्थ्य का सवाल है. दिल्लीवासी अब सिर्फ एक ही मांग कर रहे हैं, प्रदुषण के खिलाफ सख्त निति बनाने की मांग.