नई दिल्ली: सोमवार को भी दिल्ली में घना धुंध छाया रहा और शहर की एयर क्वालिटी लगातार दूसरे दिन भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में रही. इस समस्या को और बढ़ाते हुए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) को एक टेक्निकल खराबी का सामना करना पड़ा, जिससे लगभग 13 घंटे तक एयर क्वालिटी डेटा डिस्प्ले पर असर पड़ा.
CPCB की वेबसाइट पर शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रविवार रात 10:43 बजे से सोमवार दोपहर तक 315 पर अटका हुआ दिखा, जिसे 'बहुत खराब' के तौर पर मार्क किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि एक टेक्निकल दिक्कत के कारण, CPCB अपनी डेली रिपोर्ट हमेशा की तरह समय पर जारी नहीं कर सका. रविवार की रिपोर्ट कई घंटे देर से रात 10:45 बजे ही शेयर की गई.
CPCB की वेबसाइट और उसके समीर मोबाइल ऐप, दोनों ने करीब 11 घंटे तक अपडेटेड डेटा नहीं दिखाया. CPCB के एक अधिकारी ने बताया, 'कई स्टेशनों का पुराना डेटा हमारे सर्वर पर भर गया और उसे मैन्युअल रूप से ठीक करना पड़ा.' उन्होंने यह भी बताया कि समस्या सोमवार दोपहर तक ठीक हो गई थी. अक्टूबर में यह छठा दिन था जब दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' आंकी गई.
सोमवार को, किसी भी मॉनिटरिंग स्टेशन ने 'खराब' लेवल रिकॉर्ड नहीं किया, लेकिन 38 एक्टिव एयर स्टेशनों में से 26 अभी भी 'बहुत खराब' रेंज में थे. आनंद विहार में सबसे ज्यादा रीडिंग 389 थी. भले ही CPCB के सिस्टम में दिक्कतें आईं, लेकिन दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की वेबसाइट पर सभी आठ मुख्य पॉल्यूटेंट्स की हर घंटे की रीडिंग दिखती रही जिसमें PM2.5, PM10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड , कार्बन मोनोऑक्साइड , ओजोन , अमोनिया और लेड शामिल हैं.
इसी तरह की गड़बड़ियां पहले भी हुई हैं, जैसे इस साल 1 जनवरी को और नवंबर 2023 और अक्टूबर 2022 में. एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुमान बताते हैं कि मंगलवार तक दिल्ली की हवा थोड़ी सुधरकर 'खराब' कैटेगरी में आ सकती है और गुरुवार तक ऐसी ही रहेगी, क्योंकि तेज हवाएं और हल्की बारिश पॉल्यूशन को साफ करने में मदद कर सकती हैं.