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छत्तीसगढ़ में जीत की हैट्रिक लगाकर नितिन नबीन बने मोदी-शाह के चहेते, जानें कैसे बाजी पलटकर बने पार्टी के नए 'चाणक्य'

छत्तीसगढ़ में लगातार तीन चुनावों में बीजेपी की जीत के पीछे नितिन नबीन की रणनीति निर्णायक रही. संगठन, माइक्रो-मैनेजमेंट और कार्यकर्ता संवाद ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय तुरुप का इक्का बना दिया.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए बिहार सरकार के मंत्री और छत्तीसगढ़ के प्रभारी रहे नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. यह फैसला अचानक नहीं, बल्कि उनकी रणनीतिक सफलताओं का नतीजा है. 

छत्तीसगढ़ जैसे राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में बीजेपी को लगातार तीन चुनावी सफलताएं दिलाने वाले नितिन नबीन ने साबित किया कि मजबूत संगठन और जमीनी पकड़ चुनावी समीकरण बदल सकती है.

छत्तीसगढ़ बना रणनीति की प्रयोगशाला

छत्तीसगढ़ लंबे समय तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के सामने भूपेश बघेल सरकार को हटाने की बड़ी चुनौती थी. इसी दौर में नितिन नबीन की भूमिका निर्णायक बनकर उभरी. उन्होंने राज्य को केवल एक चुनावी मैदान नहीं, बल्कि संगठनात्मक प्रयोगशाला की तरह देखा, जहां हर विधानसभा की अलग रणनीति बनाई गई.

एक-एक विधानसभा पर फोकस

नितिन नबीन की सबसे बड़ी खासियत उनका माइक्रो-मैनेजमेंट रहा. वे खुद एक-एक विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे, स्थानीय मुद्दों को समझा और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया. बूथ स्तर तक संगठन की स्थिति की समीक्षा की गई. इससे कार्यकर्ताओं में भरोसा बढ़ा और चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर पार्टी का प्रदर्शन मजबूत हुआ.

कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद

चुनाव जीतने में केवल बड़े नेता नहीं, बल्कि समर्पित कार्यकर्ता अहम भूमिका निभाते हैं. नितिन नबीन ने इस सच्चाई को गंभीरता से अपनाया. उन्होंने पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की और नए चेहरों को संगठन से जोड़ा. बैठकें, संवाद और लगातार फीडबैक के जरिए उन्होंने संगठन में ऊर्जा भरी, जिसका असर मतदान के दिन साफ दिखा.

टिकट वितरण में संतुलन

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत का एक अहम कारण टिकट वितरण की रणनीति भी रही. नितिन नबीन ने जीत की क्षमता, स्थानीय स्वीकार्यता और संगठनात्मक योगदान को आधार बनाया. कई जगह पुराने चेहरों के साथ नए उम्मीदवार उतारे गए. इस संतुलन ने पार्टी को भीतर से मजबूत किया और चुनावी नुकसान की संभावनाओं को कम किया.

राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती भूमिका

छत्तीसगढ़ से पहले नितिन नबीन सिक्किम में भी संगठनात्मक जिम्मेदारी निभा चुके हैं, जहां बीजेपी को पहली बार विधायक मिले. लगातार मिलती सफलताओं ने पार्टी नेतृत्व का भरोसा मजबूत किया. अब राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर उनसे यही उम्मीद है कि वे संगठन को और धार देंगे और राज्यों में जीत का यह मॉडल दोहराएंगे.