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Chhattisgarh Waqf Board: 'स्वतंत्रता दिवस पर सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों पर तिरंगा फहराना अनिवार्य...', छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का ऐलान

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने आदेश दिया है कि प्रदेश की सभी 3287 मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में 15 अगस्त को तिरंगा फहराना अनिवार्य होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जो मस्जिद तिरंगा नहीं फहराएगी, उसे पाकिस्तानी और गद्दार माना जाएगा. सभी को तिरंगा फहराने के बाद फोटो वक्फ बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.

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Edited By: Km Jaya
Chhattisgarh Waqf Board
Courtesy: Social Media

Chhattisgarh Waqf Board: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज के एक बयान ने स्वतंत्रता दिवस से पहले नई बहस को जन्म दे दिया है. सोमवार को वक्फ बोर्ड की ओर से आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि प्रदेश की सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में 15 अगस्त को तिरंगा फहराना अनिवार्य होगा. इस आदेश के साथ डॉ सलीम राज ने चेतावनी दी कि जो मस्जिद तिरंगा नहीं फहराएगी, उसे पाकिस्तानी माना जाएगा.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का पालन न करने वाले मुतवल्लियों यानी मस्जिद के प्रबंधकों को देश का गद्दार समझा जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश की कुल 3287 मस्जिदों में तिरंगा फहराना जरूरी है और इस पर सख्त निगरानी रखी जाएगी.

फोटो पोर्टल पर होगी अपलोड

डॉ सलीम राज ने कहा कि हर मस्जिद, मदरसा और दरगाह को तिरंगा फहराने के बाद उसकी फोटो वक्फ बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. फोटो के साथ स्थान और समय का विवरण भी देना अनिवार्य होगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस आदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय पर्व पर देशभक्ति, एकता और भाईचारे का संदेश फैलाना है.

वक्फ बोर्ड द्वारा जारी आदेश 

वक्फ बोर्ड द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि 15 अगस्त 2025 को देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. इस दिन छत्तीसगढ़ में सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के मुख्य द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया जाए. आदेश में यह अपील की गई है कि सभी लोग स्वतंत्रता के महत्व को समझें और इस अवसर की गरिमा बनाए रखें.

देशभक्ति का प्रतीक

बोर्ड के लेटर में आगे कहा गया है कि राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहराना न केवल देशभक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह आपसी एकता और सौहार्द का भी संदेश देता है. आदेश में यह भी उल्लेख है कि यह निर्देश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित हैं और सभी संबंधित संस्थानों तक पहुंचा दिए गए हैं.

राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू

इस बयान और आदेश पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू हो गई है. समर्थकों का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय एकता को और मजबूत करेगा, जबकि विरोधियों का कहना है कि इस तरह की चेतावनी भाषा विवाद पैदा कर सकती है. फिलहाल वक्फ बोर्ड का रुख स्पष्ट है कि आदेश का पालन हर हाल में होना चाहिए.