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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल और उनके बेटे को दिया झटका, हाईकोर्ट जाने की दी सलाह

कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को उनके 38वें जन्मदिन पर भिलाई, दुर्ग जिले में उनके निवास से गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच उस समय हुआ, जब भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में सत्ता में थी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Bhupesh Baghel
Courtesy: Social Media

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 4 अगस्त 2025 को दोनों को व्यक्तिगत राहत जैसे जांच और गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया है. 

कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को उनके 38वें जन्मदिन पर भिलाई, दुर्ग जिले में उनके निवास से गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच उस समय हुआ, जब भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में सत्ता में थी.

जांच एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले से राज्य के खजाने को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और एक शराब सिंडिकेट ने अवैध रूप से 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की "अपराध की आय" को संभाला और 16.7 करोड़ रुपये का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में किया.

इसके अलावा, ईडी ने दावा किया कि चैतन्य ने व्यवसायी त्रिलोक सिंह धिल्लन के साथ मिलकर 5 करोड़ रुपये की राशि को "विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट" में फ्लैट खरीद के नाम पर हस्तांतरित किया. जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य ने कथित तौर पर अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर अवैध धन को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को हस्तांतरित करने में भूमिका निभाई.