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गौतम उर्फ सुधाकर! नक्सलियों का वो खूंखार कमांडर, जिसके एनकाउंटर ने माओवादियों को लगा दिया करारा झटका

Naxalite Sudhakar Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में माओवादी नेता गौतम उर्फ सुधाकर को मार गिराया, जो 40 लाख रुपये के इनामी और कई हिंसक घटनाओं में शामिल था और युवाओं को गलत विचारधारा के लिए उकसाता था.

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Edited By: Anvi Shukla
Naxalite Sudhakar Encounter
Courtesy: social media

Naxalite Sudhakar Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सुरक्षा बलों को गुरुवार को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी. माओवादी संगठन का शीर्ष नेता और सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर मुठभेड़ में मारा गया. सुधाकर पर 40 लाख रुपये का इनाम था और वह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था.

पुलिस के अनुसार सुधाकर कई नक्सली घटनाओं में शामिल था, जिसमें आदिवासी नागरिकों और सुरक्षा बलों की हत्या हुई थी. वह माओवादी विचारधारा प्रशिक्षण स्कूल का प्रभारी था और युवाओं को राष्ट्रविरोधी सोच अपनाने के लिए उकसाता था. सुधाकर की गतिविधियों से क्षेत्र में आतंक फैलता था, और अब उसकी मौत से नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी.

मुठभेड़ के बाद मिला भारी मात्रा में विस्फोटक

एसटीएफ, डीआरजी और कोबरा की संयुक्त टीम ने माओवादी नेताओं के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान मुठभेड़ में एके-47 राइफल, विस्फोटक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. यह नक्सल विरोधी अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की और क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत किया.

माओवादी संगठन को करारा झटका

बस्तर पुलिस ने बताया कि सुधाकर की मौत सीपीआई (माओवादी) के लिए बड़ा झटका है. इससे पहले महासचिव बसवराजू की मौत से संगठन कमजोर हुआ था. अब इस कार्रवाई से संगठन और टूट गया है. इस साल बस्तर रेंज में 186 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिससे माओवादी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है और क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत हुई है.

खुफिया जानकारी से मिला सुराग

सूत्रों के अनुसार सुधाकर तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य बंदी प्रकाश और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पप्पा राव के साथ छिपा था. सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और खुफिया तंत्र की सटीक जानकारी से बड़ी कार्रवाई हुई, जिससे माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिली और क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत हुई.