Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग और आसपास के इलाकों में मंदिरों को निशाना बनाने वाला एक शातिर चोर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 45 साल के इस चोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसने मंदिरों के दानपात्रों से नकदी चुराने की सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दिया था. आरोपी की चोरी की वजह और उसका तरीका सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई.
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह मंदिरों में चोरी "भगवान से बदले" लेने के लिए करता था. आरोपी ने खुलासा किया, "मैं भगवान को उनकी जगह दिखाना चाहता था." दरअसल, चोर ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) से पीड़ित है. उसने बताया कि 2011-12 में मारपीट के एक मामले में जेल जाने के दौरान उसे यह बीमारी हुई, जिसके बाद उसका भगवान पर से विश्वास उठ गया. तभी से उसने मंदिरों को निशाना बनाना शुरू किया.
चोरी का शातिराना तरीका
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने दुर्ग और आसपास के मंदिरों में कम से कम 10 चोरियां की हैं. वह दानपात्रों के ताले तोड़कर केवल नकदी चुराता था और गहनों को हाथ तक नहीं लगाता था. अपनी पहचान छिपाने के लिए वह चोरी से पहले और बाद में कपड़े बदल लेता था. इसके अलावा, वह अपना स्कूटर मंदिर से दूर खड़ा करता था ताकि कोई शक न कर सके. हाल ही में 23-24 अगस्त को उसने एक जैन मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा.
कैसे हुई शातिर चोर की गिरफ्तारी?
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. सीसीटीवी फुटेज और त्रिनयन ऐप की मदद से पुलिस ने आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को शक है कि इस मामले में और लोग भी शामिल हो सकते हैं. जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने 2012 में जेल से छूटने के बाद मंदिरों में चोरी शुरू की थी. अब यहां ये देखना महत्वपूर्ण होगा की आरोपी चोर की 'भगवान से बदला' लेने वाली बात में कितनी सच्चाई है. पुलिस को शक है कि ऐसा वो इसलिए कर रहा है ताकि अपने अन्य साथियों को इससे बचाया जा सके.