Naxal-free Village: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद से मुक्त होने वाला गांव बन गया है. गांव में हाल ही में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया.राज्य सरकार की नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत इस गांव को इलवद पंचायत योजना में शामिल किया गया है. इसके अंतर्गत बड़ेसट्टी को 1 करोड़ रुपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य उन पंचायतों को आर्थिक मदद देना है जो नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करती हैं और खुद को नक्सलमुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करती हैं.
बड़ेसट्टी पंचायत के सरपंच कलमू जोगा (33) ने बताया कि पुलिस और पंचायत की साझेदारी से गांव के लोगों को मुख्यधारा में लाने की कोशिशें की गईं. उन्होंने कहा, 'हमने नक्सलियों से संपर्क कर उन्हें समझाया कि हिंसा से कुछ नहीं मिलेगा. गांव के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें शांति की राह अपनानी होगी.'
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में विभिन्न ऑपरेशन्स में कोबरा कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को आधुनिक हथियारों और विस्फोटक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया है।
साथ ही, सुकमा की बडेसेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे यह पंचायत पूरी तरह…— Amit Shah (@AmitShah) April 18, 2025Also Read
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यह गांव पहले नक्सलवाद के लिए कुख्यात था, लेकिन 2021 में एक बड़ा बदलाव तब आया जब यहां छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) का कैंप स्थापित किया गया. इसके बाद इलाके में सड़क निर्माण शुरू हुआ और धीरे-धीरे गांव में विकास की रोशनी फैलने लगी. CAF के कंपनी कमांडर जमुना कुमार रजक ने बताया कि कैंप की मौजूदगी से गांव में सुरक्षा का माहौल बना, जिससे नक्सली गतिविधियां कम होने लगीं.
आज बड़ेसट्टी के 8 में से 6 बस्तियों में बिजली पहुंच चुकी है, सड़कें बन चुकी हैं और लोग शांति के साथ अपने जीवन की नई शुरुआत कर रहे हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जताई है और कहा है कि यह गांव देश के अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए मिसाल बनेगा. अब जब बड़ेसट्टी ने हिंसा का रास्ता छोड़ शांति की राह अपनाई है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में और कितने गांव इस सकारात्मक परिवर्तन की राह पर आगे बढ़ते हैं.