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कौन हैं 37 साल की पुष्पम प्रिया चौधरी, बिहार की महिला नेता काले कपड़ो और मास्क के लिए है फेमस

Who is Pushpam Priya Choudhary?: पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा की 37 वर्षीय नेता और ‘द प्लुरल्स पार्टी’ की संस्थापक हैं, जो बिहार की जाति-धर्म आधारित राजनीति को बदलने की मुहिम चला रही हैं. काले वस्त्र और मास्क से पहचान बनाने वाली पुष्पम 2025 में फिर दरभंगा से चुनाव लड़ेंगी. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शिक्षित, वे विकास और समानता की राजनीति की पक्षधर हैं.

Who is Pushpam Priya Choudhary
Courtesy: x/ @pushpampc13

Pushpam Priya Choudhary: बिहार की राजनीति में बदलाव की नई बयार लेकर आईं पुष्पम प्रिया चौधरी इन दिनों चर्चा में हैं. यूनाइटेड किंगडम से लौटकर 37 वर्षीय यह नेता राज्य की पारंपरिक जाति और धर्म आधारित राजनीति को तोड़ने का दावा कर रही हैं. ‘द प्लुरल्स पार्टी’ की संस्थापक और अध्यक्ष पुष्पम प्रिया 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा सीट से प्रत्याशी हैं और विकास केंद्रित राजनीति की नई दिशा देने की बात करती हैं.

राजनीति में अनोखी पहचान

पुष्पम प्रिया ने 2020 के चुनाव में अचानक राजनीतिक मंच पर धमाकेदार एंट्री ली थी. उन्होंने न केवल अपनी पार्टी की घोषणा की, बल्कि खुद को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार भी घोषित कर दिया. उनकी पहचान बनी काला परिधान और मास्क पहनने की प्रतिज्ञा, जिसे उन्होंने सत्ता परिवर्तन के प्रतीक के रूप में अपनाया. उनका कहना है कि जब तक वे जनता का विश्वास जीतकर चुनाव नहीं जीततीं, तब तक मास्क नहीं उतारेंगी.

परिवार और शिक्षा

दरभंगा की मूल निवासी पुष्पम प्रिया का परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा रहा है. उनके पिता विनोद कुमार चौधरी जद(यू) के पूर्व विधायक हैं, जबकि दादा प्रोफेसर उमाकांत चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. उनके चाचा विनय कुमार चौधरी फिलहाल जद(यू) से बेनीपुर के विधायक हैं.

13 जून 1987 को जन्मी पुष्पम प्रिया ने दरभंगा में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर पुणे से स्नातक की पढ़ाई की. इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गईं, जहाँ उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से डेवलपमेंट स्टडीज में मास्टर डिग्री और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से 2019 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर किया. राजनीति में आने से पहले वे बिहार सरकार के पर्यटन और स्वास्थ्य विभाग में सलाहकार के रूप में कार्य कर चुकी हैं.

‘द प्लुरल्स पार्टी’ की शुरुआत

8 मार्च 2020 को, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन, पुष्पम प्रिया ने ‘द प्लुरल्स पार्टी’ की शुरुआत की. उनका नारा था बिहार डिजर्व्स बेटर (Bihar Deserves Better). यह पार्टी जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर विकास, समावेशन और योग्यता आधारित नेतृत्व को बढ़ावा देने का दावा करती है.

2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन समय की कमी के कारण 148 उम्मीदवार ही मैदान में उतर सके. खास बात यह रही कि उनके सभी प्रत्याशियों ने जाति का उल्लेख किए बिना खुद को केवल “बिहारी” लिखा. उनका मानना है कि “प्लुरल्स का अर्थ है सब जाति और धर्म के लोग मिलकर शासन करें.”

2025 का लक्ष्य

अब 2025 के चुनाव में ‘द प्लुरल्स पार्टी’ सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें 50 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे. पार्टी का चुनाव चिन्ह “सिटी (City)” है, जो उनके शहरी विकास और आधुनिक बिहार की सोच को दर्शाता है. दरभंगा से दोबारा चुनाव लड़ रही पुष्पम प्रिया ने कहा है कि राज्य में सशक्त विपक्ष और शिक्षित नेतृत्व की कमी लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है.

वे अपने खुले विचारों के लिए भी जानी जाती हैं. उन्होंने अखिलेश यादव को राहुल गांधी से अधिक गंभीर नेता बताया, नीतीश कुमार को “अब तक का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री” कहा, और प्रशांत किशोर को राजनीति में नहीं, रणनीति में बने रहने की सलाह दी. पुष्पम प्रिया चौधरी कहती हैं “मैं व्यवस्था में फिट होने नहीं आई हूं, मैं इसे बदलने आई हूं.”