menu-icon
India Daily

Video: 'पाकिस्तान भीख मांग रहा था', प्रशांत किशोर बोले- भारत को सीजफायर के लिए राजी नहीं होना चाहिए था

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान पर दो दिन और हमला जारी रखना चाहिए. क्योंकि यह भारत के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने का शानदार मौका था. यह बयान उन्होंने शनिवार को पूर्वी चंपारण में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया.

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
Prashant Kishor Says India Should Not Have Agreed To Ceasefire

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम (सीजफायर) पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत को यह सीजफायर स्वीकार नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान पर दो दिन और हमला जारी रखना चाहिए. क्योंकि यह भारत के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने का शानदार मौका था. यह बयान उन्होंने शनिवार को पूर्वी चंपारण में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया.

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, तो इसका मतलब था कि भारतीय सेना सही दिशा में काम कर रही थी. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का सीजफायर मांगना इस बात का सबूत है कि हमारी सेना ने उसे हरा दिया था. जब पाकिस्तान डर के मारे सीजफायर की भीख मांग रहा था, तो हमें इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए था." किशोर ने जोर देकर कहा कि सेना को कम से कम दो दिन और ऑपरेशन चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए थी, ताकि भारत अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाता.

बैकफउट पर आया पाकिस्तान- प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जयशंकर ने खुद माना कि सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई थी. किशोर ने कहा, "हमारे विदेश मंत्री एक पढ़े-लिखे और समझदार व्यक्ति हैं. मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं. उन्होंने साफ कहा कि यह सीजफायर पाकिस्तान की पहल पर हुआ. इससे साफ है कि हमारी सेना ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया था."

ट्रंप के दावे को नकारा

किशोर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीजफायर में उनकी भूमिका थी. किशोर ने कहा, "ट्रंप को लगता है कि उन्होंने शांति स्थापित की और इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. लेकिन हमें अपने विदेश मंत्री पर भरोसा है, न कि ट्रंप पर." उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने सीधे बातचीत करके सीजफायर पर सहमति बनाई, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.

प्रशांत किशोर ने कहा कि उस समय स्थिति ऐसी थी कि भारत पूरी तरह से हावी था. "हमारी सेना और देश के लोग यही कह रहे थे कि हमने पाकिस्तान को दबोच लिया था. वहां सायरन बज रहे थे, लोग छिप रहे थे, और पाकिस्तान रक्षात्मक स्थिति में था. ऐसे में हमें सीजफायर के लिए क्यों सहमत होना पड़ा?" किशोर ने सवाल उठाया.