Prashant Kishor: पटना के गांधी मैदान में BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने सुबह 4 बजे हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से जबरन हटाया और एंबुलेंस से एम्स भेज दिया.
पटना पुलिस की यह कार्रवाई सुबह साढ़े तीन से चार बजे के बीच की गई, जब प्रशांत किशोर सो रहे थे. इस दौरान प्रशांत के समर्थकों ने इसका विरोध किया और पीके से चिपक गए, इसके बावजूद पुलिस ने समर्थकों को हटाकर प्रशांत को हिरासत में लिया गया. एक वीडियो में यह देखा जा सकता है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी किशोर को धरना स्थल से हटाते हुए उन्हें एंबुलेंस में डालने का प्रयास कर रहे हैं.
#WATCH | BPSC protest | Bihar: Patna Police detains Jan Suraaj chief Prashant Kishor who was sitting on an indefinite hunger strike at Gandhi Maidan pic.twitter.com/cOnoM7EGW1
— ANI (@ANI) January 5, 2025
प्रशांत किशोर और उनके समर्थक 2 जनवरी से इस मुद्दे पर अनशन पर बैठे थे, जिसमें उन्होंने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी. यह परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण विवादों में घिरी हुई थी. इस मुद्दे को लेकर कई स्थानों पर प्रदर्शन भी हुए थे. हालांकि, 4 जनवरी को री-एग्जाम तय समय पर हुआ. प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वह जल्द बीमार नहीं पड़ेंगे और अनशन जारी रखेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी तबीयत ठीक है, लेकिन गला थोड़ा खराब है और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है.
पुलिस ने अनशन को बताया अवैध
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से छात्रों की शिकायतों को सुनने की अपील की थी. प्रशासन ने इस अनशन को 'अवैध' करार देते हुए अनशन स्थल बदलने की सलाह दी थी, लेकिन किशोर ने इसे ठुकरा दिया था. उनका कहना था कि वह वही करेंगे जो छात्र चाहेंगे. बीपीएससी ने हालांकि 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल कुछ छात्रों के लिए री-एग्जाम की योजना बनाई थी, और 4 जनवरी को यह परीक्षा पटना के 22 केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई.
इस दौरान प्रशांत किशोर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर हंगामा मच गया, और इसे लेकर कई तरह के राजनीतिक बयान भी सामने आए.