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नीतीश-मोदी के 'M-Y समीकरण' ने कैसे बिगाड़ा तेजश्वी-राहुल का खेल, NDA की प्रचंड जीत का X फैक्टर क्या?

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने न सिर्फ तेजश्वी यादव के राजनीतिक करियर पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं, बल्कि परंपरागत MY समीकरण की ‘NDA के नए M-Y समीकरण’ को बिहार की राजनीति में स्थापित कर दिया है. आखिर क्या है 'NDA का नया M-Y समीकरण’.?

Kanhaiya Kumar Jha
Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Bihar Election Results India Daily
Courtesy: Social Media

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और अबतक के रुझानों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए स्पष्ट बढ़त की ओर बढ़ता दिख रहा है. गठबंधन की इस बढ़त के पीछे महिलाओं (M) और युवाओं (Y) का मजबूत समर्थन एक महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है, जिसे राजनीतिक विश्लेषक ‘NDA का नया M-Y समीकरण’ कह रहे हैं.

महिलाओं की बढ़ी भागीदारी ने दिलाई बढ़त

चुनाव प्रचार के दौरान ही संकेत मिल गए थे कि महिलाओं के बीच सरकार की योजनाएं असर छोड़ चुकी हैं. जीविका समूहों, महिला रोजगार योजनाओं, छात्राओं के लिए आर्थिक सहायता और सुरक्षा से जुड़े कदमों ने महिला मतदाताओं को एनडीए की ओर आकर्षित किया.

अनेक बूथों पर महिलाओं ने खुलकर कहा कि 'जिसका खाते हैं, वोट उसी को देंगे.' बिहार सरकार द्वारा दी गई 10 हजार रुपये की सहायता राशि भी कई परिवारों में चर्चा का केंद्र थी. मत प्रतिशत में महिलाओं की बढ़ी भागीदारी का सीधा लाभ अब एनडीए को मिलता दिख रहा है.

युवाओं में ‘मोदी फैक्टर’ का प्रभाव

पूरे चुनाव अभियान में युवाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता प्रमुख मुद्दा बनी रही. रोजगार, स्टार्टअप योजनाओं, और केंद्र की विकास परियोजनाओं को लेकर युवाओं में उत्साह देखा गया. रुझानों के मुताबिक, युवा मतदाताओं का बड़ा हिस्सा एनडीए की तरफ झुका.

तेजस्वी–राहुल का समीकरण क्यों बिगड़ा?

राजद को उम्मीद थी कि उसका पारंपरिक मुस्लिम-यादव (M-Y) वोट बैंक इस बार भी मजबूती से साथ खड़ा रहेगा, लेकिन आंकड़े कुछ और कहानी कह रहे हैं. टुडेज़ चाणक्य के अनुमान के अनुसार, यादव वोटों का लगभग 23% हिस्सा एनडीए के उम्मीदवारों की ओर शिफ्ट हुआ. यह बदलाव विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

मुस्लिम वोटों में दरार

राजद के लिए चिंता की एक और वजह मुस्लिम वोटों में आई टूट है. कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता भाजपा को छोड़कर AIMIM और प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी की ओर गए. इसके अलावा, मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाने को लेकर मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में नाराजगी देखी गई, जिसने विपक्ष के समीकरण को और कमजोर कर दिया.

नतीजों से साफ है कि इस चुनाव में पारंपरिक M-Y समीकरण उलट गया है. महिलाओं और युवाओं का भरोसा एनडीए के लिए ‘X-फैक्टर’ साबित हुआ, जबकि राजद-कांग्रेस गठबंधन अपने पुराने वोट बैंक को भी पूरी तरह साध नहीं पाया.