कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को पटना पहुंचे. संविधान सुरक्षा सम्मेलन में राहुल गांधी मोदी सरकार, RSS और बिहार में हुई जाति जनगणना पर जमकर बरसे. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ वोटर का अंतर है. इन 1 करोड़ लोगों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट दिया लेकिन लोकसभा में वोट नहीं दिया. हम चुनाव आयोग से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की वोटर लिस्ट मांग रहे हैं. लेकिन चुनाव आयोग वोटर लिस्ट देने को तैयार नहीं हैं.
पटना पहुंचते ही राहुल गांधी होटल मौर्या पहुंचे जहां राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने वाली थी. राहुल गांधी ने यहां तेजस्वी यादव से मुलाकात की. एक कमरे में दोनों नेताओं की बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि, 'बिहार पेपर लीक का सेंटर बन चुका है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. मंहगाई बढ़ रही है.
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली थी. राहुल गांधी ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि मोहन भागवत का यह बयान भारत के संविधान और इसके संस्थानों के खिलाफ है. उनके अनुसार, यदि भागवत यह कह रहे हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को नहीं मिली थी, तो वह डॉ. बीआर अंबेडकर, महात्मा गांधी और भगवान बुद्ध की विचारधारा को नकार रहे हैं, जिनके योगदान से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी.
जाति जनगणना पर राहुल गांधी की टिप्पणी
राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने कहा कि देश की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए जाति जनगणना की आवश्यकता है. उनका कहना था कि यह जनगणना बिहार में हुई फर्जी जाति जनगणना जैसी नहीं होगी. राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि जाति जनगणना के आधार पर नीति बनाई जानी चाहिए ताकि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानताएं दूर की जा सकें. कांग्रेस पार्टी का रुख इस मामले में साफ है, और राहुल गांधी ने यह घोषणा की कि कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में जाति जनगणना के प्रस्ताव को पारित करेगी. इसके अलावा, उन्होंने 50% आरक्षण की बाधा को भी समाप्त करने की बात की.
पिंजरे में बंद' कर दिया गया
राहुल गांधी ने भाजपा के भीतर कार्यरत विधायकों और सांसदों की स्थिति पर भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि आजकल के भारत में विधायकों और सांसदों के पास कोई वास्तविक ताकत नहीं रह गई है. राहुल गांधी ने यह दावा किया कि जब वह भाजपा के उन सांसदों से मिलते हैं, जो दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय से आते हैं, तो वे उन्हें बताते हैं कि उन्हें 'पिंजरे में बंद' कर दिया गया है. उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि भाजपा के भीतर के कई नेता महसूस करते हैं कि उनकी स्वतंत्रता और आवाज को दबाया जा रहा है.